प्रतिनिधि, मिहिजाम. नयी दिल्ली में आयोजित नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में रेलवे के निजीकरण व नयी पेंशन योजना का विरोध किया गया. चिरेकाकर्मियों ने इस मुद्दे को जोर-शाेर से उठाया. चिरेका कर्मचारियों की समस्या के निदान के लिए चिरेका इंटक इस पर आगे की तैयारी में जुटी है. संगठन की ओर से समस्याओं को लेकर पुनः सड़क पर उतर कर जनआंदोलन की तैयारी की जा रही है. चिरेका इंटक महासचिव ने बताया कि एनएफआइआर के राष्ट्रीय महासचिव डॉ एम रघु भैया की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन में कई प्रस्ताव पारित हुए हैं. इनमे रेलवे में रिक्त पदों को शीघ्र भरने, नयी पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, रेलवे में निजीकरण और ठेका प्रथा का कड़ा विरोध किया गया. उन्होंने बताया कि सम्मेलन में आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें तत्काल लाूग करने, पदोन्नति के अवसरों के साथ कैडर पुनर्गठन और पिछले 18 महीनों के महंगाई भत्ते का भुगतान करने की मांग की गयी, जिसमें चित्तरंजन रेलवे मेंस कांग्रेस की भूमिका महत्वपुर्ण रही. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि चिरेका से संबंधित कई मांगें सम्मेलन में रखी गयी. इनमें एनपीएस यूपीएस को समाप्त कर ओपीएस लागू करने, चिरेका के पदों को अन्य रेलवे में स्थानांतरित करने तथा ठेकेदारों की मनमानी का विरोध शामिल है. इसके अलावा इएलएयू दानकूनी कर्मचारियों के लिए 30 प्रतिशत एचआर भत्ता, लोकोमोटिव उत्पादन कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन, रेलवे कर्मचारियों के रेल आवासों की मरम्मत और जल निकासी केजी अस्पताल में चिकित्सा में सुधार की मांग भी शामिल है.
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