भाईचारे का पैगाम देने के लिए पांच सितंबर को निकलेगा जुलूस संवाददाता, जामताड़ा. चांद के दीदार के साथ ही जिले में जश्न-ए ईद मिलादुन्नबी की तैयारियां तेज हो गयी है. इस साल यह पर्व 5 सितंबर को मनाया जायेगा. इस मौके पर परंपरागत अंदाज में सुबह 7 बजे से भव्य जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जाएगा, जो अमन, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम लेकर गुजरेगा. इसे लेकर बुधवार को मदरसा नेजामिया गरीब नवाज, पाकडीह व सरखेलडीह परिसर में बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता मदरसा के सचिव मुर्तजा अंसारी ने की. इसमें प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों के इमाम, मौलाना और कमेटी के सदस्यों ने भाग लिया. बैठक में जुलूस की तैयारी, सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक रूट को लेकर विस्तार से चर्चा की गयी. हजरतपुर (पश्चिम बंगाल) से आए पीरे तरीकत जुलकर नैन बोखारी ने बैठक में विशेष शिरकत की. उनका फूल-मालाओं से इस्तकबाल किया गया. इस दौरान मदरसा में पढ़ने वाले छात्र शब्बीर अंसारी की कुरान मुकम्मल होने पर उन्हें ‘हाफिज-ए-कुरान’ की उपाधि प्रदान की गयी. मौलाना अख्तर रजा ने बताया कि जुलूस-ए-मोहम्मदी प्रशासन द्वारा तय किए गए रूट से ही गुजरेगा. जुलूस सुबह 7 बजे मदरसा से निकलकर मुख्य मार्गों से होते हुए निर्धारित स्थल पर समाप्त होगा. उन्होंने कहा कि जुलूस पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा और इसमें शामिल होने वाले सभी लोग अनुशासन और अमन का संदेश देंगे. मौलाना अख्तर रजा ने अपील करते हुए कहा कि जुलूस का मकसद केवल जश्न मनाना नहीं, बल्कि समाज में भाईचारे, मोहब्बत और आपसी एकता को मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षा इंसानियत की भलाई, अमन और सुकून की है. मौके पर मौलाना सफीक अहमद, मौलाना मोहम्मद कासिम अंसारी, हाफिज फैयाज अहमद, हाफिज सरफुद्दीन, मौलाना मुस्तकीम, मौलाना जावेद अख्तर, मौलाना इरशाद, हाफिज अब्दुल कादिर, हाफिज कमरुद्दीन अंसारी, मौलाना इसहाक अंसारी, सद्दाम हुसैन सहित अन्य थे.
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