– जामताड़ा के राजबाड़ी की रहने वाली थी प्रसूता सुशीला देवी – बुधवार को इस प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर ने किया था ऑपरेशन – बच्ची को जन्म देने के बाद प्रसूता की बिगड़ने लगी हालत, शुक्रवार को सूई देते ही हो गई मौत संवाददाता, जामताड़ा. शहर के बायपास रोड स्थित जामताड़ा मेमोरियल अस्पताल में ऑपरेशन के बाद गलत इलाज के कारण एक प्रसूता की मौत हो गई. वह पिछले तीन दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं. मौत की खबर मिलते ही परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. गुस्साए लोगों ने एक डॉक्टर को अस्पताल में ही बंधक बना लिया, जबकि अन्य डॉक्टर और स्टाफ मौके से फरार हो गए. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जामताड़ा मेमोरियल अस्पताल बिना किसी मान्यता के वर्षों से चल रहा है. यहां मरीजों को उचित इलाज देने के बजाय फर्जीवाड़ा कर इलाज किया जा रहा था. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण यह अस्पताल खुलेआम संचालित था. डॉक्टर का बयान चौंकाने वाला मौके पर मौजूद एक डॉक्टर ने खुद को पीएचसी मधुपुर का पदस्थापित डॉक्टर बताया. उसने कहा कि पीएचसी मधुपुर में पदस्थापित हूं, लेकिन यहीं 24 घंटे रहता हूं. इस बयान ने परिजनों और आम जनता के बीच आक्रोश को और बढ़ा दिया. लोगों ने सवाल उठाया कि जब डॉक्टर की पदस्थापना किसी अन्य जगह है तो वह जामताड़ा में निजी अस्पताल में 24 घंटे कैसे मौजूद रहता है. प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और सभी डॉक्टरों की जिम्मेदारी तय करने की मांग की. इसी दौरान एक डॉक्टर को भीड़ ने अस्पताल के भीतर ही बंधक बना लिया. सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभालते हुए डॉक्टर को भीड़ से मुक्त कराया. परिजनों ने मांग की कि अस्पताल की मान्यता की पूरी जांच हो और दोषी डॉक्टरों एवं प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. घटना के बाद से अस्पताल का पूरा स्टाफ फरार है. क्या कहते हैं सिविल सर्जन जामताड़ा मेमोरियल अस्पताल काे मान्यता मिली है. हालांकि, अस्पताल में जो घटना घटी है उस मामले में जांच की जायेगी. अस्पताल प्रबंधन अभी फरार है. -डॉ आनंद मोहन सोरेन, सीएस, जामताड़ा
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