जामताड़ा. जामताड़ा में रुक-रुक कर हो रही बारिशों के बीच रमजान के तीसरे जुमे की नमाज शुक्रवार को बड़े सादगी और अकीदत के साथ अदा की गयी. पाकडीह व सरखेलडीह के प्रमुख जामा मस्जिदों में सैकड़ों रोजेदार इकट्ठा होकर नमाज अदा की. जामा मस्जिद में जुमे की नमाज मौलाना अख्तर राजा ने अदा करायी. नमाज के दौरान, मस्जिदों में खामोशी और धार्मिक भावना का माहौल था. रोजेदारों ने पूरे समर्पण भाव से अल्लाह से दुआएं की. नमाज के बाद, मदरसा निजामिया गरीब नवाज पाकडीह और सरखेलडीह के मौलाना इसहाक ने रमजान के महत्व पर प्रकाश डाला. बताया कि रमजान सिर्फ रोजा रखने का महीना नहीं है, बल्कि यह इंसानियत, भाईचारे और आपसी प्रेम का प्रतीक है. रमजान का उद्देश्य न केवल आत्म-सुधार करना है, बल्कि दूसरों की मदद करना, समाज में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाना है. मौलाना इसहाक ने कहा कि रमजान का यह पाक महीना हमें यह सिखाता है कि एकजुट होकर काम करें. एक-दूसरे के सुख-दुख में भागीदार बनें. मानवता की सेवा करें. पाकडीह और सरखेलडीह के मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम दिखाता है कि रमजान का माहौल हर दिल को जोड़ने का काम करता है. बारिश के बावजूद लोगों की आस्था और जोश में कोई कमी नहीं आई. जामताड़ा में रमजान का यह सुकून भरा और प्रेरणादायक माहौल हर किसी के दिल को छू रहा है. लोग एकजुट होकर शांति और भाईचारे का संदेश दे रहे हैं, जो आज के समय में समाज के लिए एक उदाहरण है.
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