जामताड़ा. ऑपरेशन एएएचटी के तहत एक और सफलता में रेलवे सुरक्षा बल आसनसोल मंडल ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए 14 से 17 वर्ष की उम्र के ग्यारह नाबालिग लड़कों को बचाया. इससे मानव तस्करी का एक मामला रोका जा सका. जानकारी के अनुसार गुरुवार को सुरक्षा नियंत्रण आसनसोल से सूचना प्राप्त होने पर, रेलवे सुरक्षा बल वेस्ट पोस्ट आसनसोल और जीआरपी आसनसोल के अधिकारियों की एक टीम ने ट्रेन संख्या 12376 तांबरम साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस (जसीडीह से तांबरम) के सामान्य डिब्बों (कोच संख्या 246954 सी और 192317 सी) के अंदर छापा मारा, जो 15:02 बजे आसनसोल जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-2 पर पहुंची. छापे के दौरान टीम ने संदिग्ध तरीके से बैठे ग्यारह लड़कों की पहचान की और पूछताछ करने पर बच्चों ने अपने नाम और पते बताए, जो झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के जिलों में फैले हुए थे. बताया कि पांच लोगों ने चेन्नई में आकर्षक रोजगार के अवसरों का वादा करके उन्हें बहलाया-फुसलाया था और बच्चों की कमजोर सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि का फायदा उठाया. ट्रेन में पांचों आरोपी भी मौजूद थे और बच्चों ने उनकी पहचान की. पूछताछ करने पर उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने बच्चों के अभिभावकों को उनकी आर्थिक तंगी का फायदा उठाकर उन्हें मजदूरी पर भेजने के लिए राजी किया था. सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015, और बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 की प्रासंगिक धाराओं के तहत जीआरपीएस, आसनसोल में मामला (सं. 35/2025 ) दर्ज किया गया है. बचाए गए नाबालिगों को आगे की काउंसलिंग और पुनर्वास के लिए रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क, आसनसोल को सुरक्षित रूप से सौंप दिया गया है. आरपीएफ ने बतया कि यह अभियान बाल तस्करी से निपटने और ऑपरेशन एएएचटी के तहत सतर्क प्रवर्तन के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ये पांच आरोपी किये गये गिरफ्तार : 1. दीपक कुमार दास (18) – गिरिडीह, झारखंड 2. बिस्वनाथ दोलुई (25) – बीरभूम, पश्चिम बंगाल 3. उमेश पहाड़िया (24) – देवघर, झारखंड 4. राजेश मांझी (29) – जमुई, बिहार 5. राधे मांझी (24) – जमुई, बिहार
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