मिहिजाम. मिहिजाम निवासी सीआईएसएफ जवान सुनील पासवान के हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने घटनास्थल पर अपराध की घटना का नाटकीय अंदाज में रिक्रिएशन किया. इसके लिए पुुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी युवराज सिंह को घटनास्थल पर बंगाल की सलानपुर पुलिस ले गयी थी. सीआईएसएफ जवान सुनील पासवान की अपराधियों ने 23 अप्रैल 2025 की रात गोली मार कर हत्या कर दी थी. हत्या की घटना बंगाल-झारखंड सीमा पर डोमदहा में हुई थी. यह इलाका बंगाल के सलानपुर क्षेत्र के अंतर्गत है, लेकिन इसकी सीमा मिहिजाम थाना क्षेत्र के करीब है. बोकारो के फुसरो में तैनात सीआईएसफ जवान सुनील पासवान घटना की रात अपनी जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य को देखने गये थे. उस समय उनकी जमीन पर युवराज सिंह इसके अन्य मित्र राहुल गुप्ता उर्फ मुर्गी के साथ वहां गांजा का सेवन कर रहे थे. सीआईएसएफ जवान ने इसका विरोध किया था. जिस पर युवराज व सुनील पासवान के बीच बहस होने लगी. पुलिस को आरोपी यूवराज सिंह ने घटनास्थल को दिखा कर पूरी घटना के बारे में जानकारी दी. उसने पुलिस को बताया कि सुनील ने उसका कॉलर पकड़ लिया था जिसे वह छोड़ नहीं रहा था. इस पर उसने गुस्से में आकर सुनील पासवान की कनपटी पर गोली मार दी. जिससे मौके पर ही सुनील की मौत हो गयी.
इस्तेमाल की गयी पिस्टल बरामद :
सुनील पासवान की हत्या में प्रयोग किये गये पिस्टल को बंगाल पुलिस ने युवराज सिंह के बिहार के बख्तियारपुर स्थित आवास से बरामद कर लिया है. इस घटना में शामिल उसके मित्र राहुल गुप्ता उर्फ मुर्गी को मिहिजाम पुलिस ने तथा कैटरर कर्मी युवराज और उसके साथी मुर्गी को मिहिजाम पुलिस पहले ही राहुल सिंह उर्फ लेफ्टी की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है.
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