जामताड़ा. विश्व यक्ष्मा दिवस पर सोमवार को सीएस कार्यालय में यक्ष्मा उन्मूलन को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें सीएस डॉ आनंद मोहन सोरेन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ डीसी मुंशी सहित अन्य शामिल हुए. सीएस ने कहा कि टीबी मरीजों के बीच जागरुकता फैलाकर ज्यादा से ज्यादा पहचान जरूरी है, ताकि समय पर उन मरीजों का इलाज हो सके. यहां टीबी के मरीज काफी संख्या में हैं, जितने भी मरीज आते हैं, उनका इलाज फ्री में होता है. साथ ही आने जाने का भत्ता व पौष्टिक आहार के लिए राशि भी दी जाती है. प्राइवेट चिकित्सक यदि टीबी मरीज का इलाज करते हैं तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाती है. टीबी की जांच आधुनिक तकनीकी सीबी नैट, ट्रुनेट, एलपीए मशीन से की जाती है. इससे दवा प्रतिरोधक टीबी का पता लगाया जा सकता है. जांच के परिणाम दो घंटे के अंदर प्राप्त किये जा सकते हैं. सीएस ने कहा कि यक्ष्मा उन्मूलन के लिए सभी तरह की जांच की सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है. वहीं जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ डीसी मुंशी ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि टीबी का इलाज छोड़-छोड़ कर कराने, दवा का सही मात्रा नहीं लेने एवं अधूरा इलाज के कारण सामान्य टीबी दवा प्रतिरोधक टीबी परिणत हो जाता है. इसका पता आधुनिक जांच पद्धति सीबी नैट, ट्रुनेट एवं एलपीए के माध्यम से किया जाता है. बताया कि सरकार ने निश्चय पोर्टल योजना चालू की है. मौके पर डीपीसी गौरव कुमार अकेला, आशीष चौबे, नंदी, संजीत पाल मौजूद थे.
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