प्रतिनिधि, जामताड़ा. पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, चित्तरंजन में भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन किया गया. सात दिवसीय शिविर का शुभारंभ छात्रों, शिक्षकों गणमान्य व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी से हुआ. आरंभ संताल परगना की सांस्कृतिक परंपराओं से प्रेरित एक स्वागत से हुआ. आगंतुकों और प्रतिभागियों का अभिवादन “जोहार ” की परंपरा के माध्यम से किया गया, जो एक आदिवासी अभिवादन है. पारंपरिक संताली परिधान में सजे छात्रों ने ‘तुमडक’ और ‘तमाक’ वाद्य यंत्रों की धुन पर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया. संताली रीति के अनुसार, आगंतुकों को परंपरागत तिलक और हाथ से बनाए गए गुरनालदास से सुसज्जित किया गया. कार्यक्रम स्थल को आदिवासी कला से सजाया गया था, जिसमें ओलचिकी लिपि में लिखी गई कलाकृतियाँ और पेंटिंग्स विशेष आकर्षण रही. प्रधानाचार्या सुश्री टेक धरणी ने शिविर का औपचारिक उद्घाटन करते हुए भाषाई विविधता के संरक्षण और विशेष रूप से संताली जैसी स्वदेशी भाषाओं के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह शिविर भाषा, संस्कृति और संवाद के पुल को मजबूत करेगा. मुख्य अतिथि शंकर शर्मा और विशिष्ट अतिथि शेक्सपियर सोरेन शामिल हुए. मौके पर भारती देवी आदि थीं.
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