नारायणपुर. नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र के एकसिंघा, मंडरो, नवाटांड, चंदरपुर समेत अन्य स्थानों पर आज से लगभग 12 वर्ष पूर्व सामाजिक वाणिकी के तहत दामोदर घाटी परियोजना की ओर से लगाए गए आक्सिया पेडों वाला वन विभागीय उदासीनता और मानवीय लालसा के कारण वीरान होने के कगार पर है. दरअसल इन दिनों नारायणपुर क्षेत्र में आक्सिया पेड़ों की कटाई ईंधन के लिए लोग अंधाधुंध कर रहे हैं. पेड़ों की कटाई रात के अंधेरे में नहीं, बल्कि दिन के उजाले में भी हो रहा है. विभागीय रोक-टोक नहीं होने के कारण और सभवतः लोगों में जागरुकता के अभाव होने के कारण पेड़ों की प्रतिदिन कटाई हो रही है. इससे अब आक्सिया वन क्षेत्र वीरान से लगने लगे हैं. उज्ज्वला योजना का लाभ मिलने के बाद भी लोग कर रहे हैं पेड़ों की कटाई वैसे तो केंद्र सरकार ने घरेलू महिलाओं को लकड़ी और गोबर के उपले से निकलने वाले विषैले धुएं से निजात दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी गैस में लाखों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन इन सबसे परे हटकर नारायणपुर के कई स्थानों पर लोग ईंधन के लिए एलपीजी का नहीं, बल्कि आक्सिया के पेड़ों की लकड़ियों का उपयोग कर रहे हैं. लोग बड़ी बेरहमी से दिन के उजाले में पेड़ों को काट रहे हैं और उसका उपयोग ईंधन के लिए कर रहे हैं. जबकि लगभग नारायणपुर क्षेत्र के लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत निशुल्क गैस सिलेंडर उपलब्ध करा दिया गया है. बावजूद पेड़ों की कटाई थमने का नाम नहीं ले रहा है. लोग एलपीजी गैस से खाना बनाने की जगह लकड़ी ईंधन को तवज्जो दे रहे हैं. डीवीसी की ओर से रैयतों के निजी जमीन पर आक्सिया का पौधा लगाया गया था, जो समय बीतने के साथ आप पेड़ बन चुके हैं. अब रैयतों का अपना तर्क है कि जमीन मेरा तो पेड़ भी मेरा. संभवतः इसलिए भी मनमाने तरीके से पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. यही कारण है कि जो क्षेत्र आक्सिया पेड़ों की हरियाली से भरा था आज भी वीरान होने के कगार पर हैं. नारायणपुर के रेंजर को मिला है तीन स्थानों का प्रभार नारायणपुर वन क्षेत्र रेंजर मृत्युंजय कुमार को नाला और जामताड़ा, नारायणपुर वन क्षेत्र का प्रभार मिला हुआ है. इसलिए रेंजर बहुत कम ही नारायणपुर क्षेत्र में नजर आते हैं. नारायणपुर वन क्षेत्र में पांच वनरक्षिओं का पद सृजित है, लेकिन वर्तमान में एक पदस्थापित हैं. अब इतने बड़े वन क्षेत्र की निगरानी एक व्यक्ति के जिम्मे भला कैसे संभव होगा? क्या कहते हैं वनकर्मी आक्सिया के पेड़ों की कटाई होने की सूचना समय-समय पर मिलती है. हालांकि उन क्षेत्रों में पौधरोपण डीवीसी की ओर से किया गया है. हमलोग लगातार ग्रामीणों को पेड़ों की कटाई से रोकने का प्रयास कर रहे हैं. ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं. बावजूद लोग पेडों की कटाई कर रहे है जो काफी दुखद एवं चिंतनीय है. पेड़ों एवं वनों की रक्षा करना सभी जिम्मेदार नागरिकों का दायित्व है. क्योंकि वन है तो कल है. इस बात को समझना चाहिए. -पुलक कुमार माल, वनरक्षी
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