प्रदर्शन. झामुमो कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय के समीप दिया धरना, बोलो सांसद संवाददाता, जामताड़ा. झामुमो जिला कमेटी की ओर से सरना धर्म कोड, आदिवासी धर्म कोड को मान्यता देने की मांग पर समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया. धरना में बतौर मुख्य अतिथि सांसद नलिन सोरेन शामिल हुए. धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता झामुमो जिला उपाध्यक्ष रवींद्रनाथ दुबे ने की. सांसद नलिन सोरेन ने कहा कि पूर्व में जब मैं एमएलए था उस वक्त हमलोगों ने झारखंड विधानसभा से सरना धर्म कोड पास करके केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने सरना धर्म कोड को लागू करने को लेकर कोई पहल नहीं की. इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र की सरकार आदिवासियों के लिए कुछ करना नहीं चाहती है. उन्होंने केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड अविलंब लागू करने की बात कही अन्यथा आगे हमलोग इससे भी अधिक उग्र आंदोलन करेंगे. कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आदिवासी समाज की पहचान और संस्कृति को नजरअंदाज कर रही है. झारखंड विधानसभा ने 11 नवंबर 2020 को विशेष सत्र बुलाकर सर्वसम्मति से सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड लागू करने के लिए पारित किया था. इसे राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया था, लेकिन करीब पांच वर्ष बीतने के बावजूद केंद्र ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया. अगर जातिगत जनगणना में आदिवासियों की धार्मिक पहचान को ही दर्ज नहीं किया जाएगा, तो फिर जातिगत जनगणना का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा. कार्यक्रम के अंत में एक मांग पत्र तैयार कर उपायुक्त को सौंपा गया, जिसमें आग्रह किया गया कि सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड को जब तक कानूनी मान्यता नहीं मिलती, तब तक जनगणना को स्थगित की जाए. मौके पर झामुमो नेता अशोक मंडल, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष कुणाल कंचन, प्रदीप मंडल, आनंद टुडू, सगीर खान, देवीसन हांसदा, डॉ अब्दुल मन्नान अंसारी, प्रो कैलाश प्रसाद साव, वासुदेव मरांडी, हीरालाल सोरेन, वासुदेव हांसदा, ऑफिसर सोरेन, वकील सोरेन, मेरी मरांडी, महेंद्र टुडू, मदन मरांडी, रेनू मुर्मू, परेश यादव कार्यकर्ता मौजूद थे.
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