जामताड़ा. जिला अंतर्गत विभिन्न आदिवासी गांव में फुटबॉल खेल, नाइट जात्रा, ड्रामा, आर्केस्ट्रा और हड़िया-दारू की दुकान एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किये जाने के विरोध में भारत दिसोम आदिवासी संघ के अध्यक्ष सुरेश मुर्मू ने उपायुक्त व एसडीओ को ज्ञापन सौंपा है. संघ के अध्यक्ष सुरेश मुर्मू ने बताया कि जामताड़ा के छह प्रखंडों में दिन-प्रतिदिन आदिवासी गांवों में फुटबॉल खेल, नाइट जात्रा, ड्रामा, आर्केस्ट्रा और हड़िया-दारू की दुकान चल रही है. आदिवासी क्षेत्र में पॉल्ट्री, सुकर, चंद पैसे और नशापन के लिए फुटबॉल खेला जाता है. इस खेल में नाइट जात्रा, ड्रामा, आर्केस्ट्रा, असामाजिक कार्य दिन-दहाड़े और सरेआम हाड़िया-दारू बेचा जाता है और डाईस खेल के माध्यम से जुआ खेला जाता है. इन सब कार्य में महिलाओं को कोई सुविधा या सुरक्षा नहीं दी जाती है. इन सभी कार्यक्रमों में सबसे ज्यादा हाड़ियां-दारू की दुकान महिलाएं करती हैं. इस कारण आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म, अन्याय-अत्याचार, शोषण सुनने को मिलता है. ऐसा प्रतीत होता है कि आदिवासी समाज को जड़ से समाप्त करने और आदिवासियों को नशापन के दलदल में फंसा कर रखने का यह सबसे बड़ा षड़यंत्र है. कहा कि आदिवासी क्षेत्र के चौक-चौराहे पर भी हड़िया-दारू की दुकान 24 घंटा देखने को मिलती है और आदिवासी वहां पर खुलेआम हड़िया-दारू पीते हैं. इस कारण आदिवासी समाज अपने संवैधानिक मूलभूत अधिकार से वंचित होते जा रहे हैं. संघ के अध्यक्ष सुरेश मुर्मू ने उपायुक्त व एसडीओ से इस पर रोक लगाने और पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग की है. कहा अगर प्रशासनिक पदाधिकारी इन पर हस्तक्षेप नहीं करती है तो भारत दिसोम आदिवासी संघ आदिवासी समाज हित के लिए बाध्य होकर जनआंदोलन करेगा.
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