21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

श्रीकृष्ण का जीवन ही संघर्ष से शुरू हुआ, लेकिन कभी चेहरे पर शिकन नहीं दिखी : सुमन किशोरी

पुनसिया गांव में श्रीमद्भागवत कथा चौथे दिन भी जारी रही. कथावाचिका सुमन किशोरी ने भक्त प्रह्लाद चरित्र, हिरण्यकश्यप वध, भगवान राम एवं श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव प्रसंग का मधुर वर्णन किया.

बिंदापाथर. पुनसिया गांव में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन वृन्दावन धाम की कथावाचिका सुमन किशोरी ने भक्त प्रह्लाद चरित्र, हिरण्यकश्यप वध, भगवान राम एवं श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव प्रसंग का मधुर वर्णन किया. कहा कि हिरण्यकश्यप दैत्य ने घोर तप किया. इसके बाद ब्रह्माजी प्रकट हुए और कहा कि मांग लो जो मांगना है. यह सुनकर हिरण्यकश्यप ने अपनी आंखें खोलीं और ब्रह्माजी को अपने समक्ष खड़ा देखकर कहा-” ”प्रभु मुझे केवल यही वर चाहिए कि मैं न दिन में मरूं, न रात को, न अंदर, न बाहर, न कोई हथियार काट सके, न आग जला सके, न ही मैं पानी में डूब कर मरूं, सदैव जीवित रहूं. विष्णु भगवान ने हिरण्यकश्यप को मारने के लिए अपने प्रयत्न आरम्भ कर दिए. हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद से पूछा, तो प्रहलाद ने उत्तर दिया-””आप मेरे पिता हो, पिताजी आप का नाम लेना क्या मुझे शोभा देता है. पिताजी का तो आदर करना चाहिए, प्रह्लाद मुस्कराता हुआ बोलता जा रहा था. वह निर्भय था. हिरण्यकश्यप ने आक्रोशित होकर कहा कि अब तुम्हारी मृत्यु की घड़ी आ गयी है. यह कह कर हिरण्यकश्यप तलवार उठाने ही वाला था कि खम्भा फट गया और उस खम्भे में से विष्णु भगवान नरसिंह का रूप धारण करके प्रकट हुए. उनका मुख शेर का तथा धड़ मनुष्य का था. प्रगट हुए भगवान नरसिंह ने अत्याचारी दैत्य हिरण्यकश्यप को पकड़ कर उसका उदर चीर कर वध किया. वहीं भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग का मधुर वर्णन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन ही संघर्ष से शुरू हुआ. लेकिन इसकी शिकन कभी उनके चेहरे पर नहीं दिखी. वह हमेशा मुस्कराते हुए बंशी बजाते रहते थे. समस्याओं को ऐसे ही मुस्कराते हुए सुलझाने की सीख औरों को भी देते थे. कहा कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया. यह तिथि उसी शुभ घड़ी की याद दिलाती है और सारे देश में बड़ी धूमधाम से मनायी जाती है. इस अनुष्ठान के दौरान आयोजक मंडली द्वारा झांकी प्रस्तुत कर भगवान श्रीकृष्ण का आविर्भाव एवं जन्मोत्सव मनाया गया. मानो कुछ क्षण के लिए यहां नंदालय बन गया हो. भक्त वैष्णव धार्मिक नृत्य के साथ झूमते रहे. इस अवसर पर दूरदराज के क्षेत्र के काफी संख्या में श्रद्धालु श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर पुण्य के भागीदार बन रहे हैं. क्षेत्र के चारों ओर भक्ति समीरन प्रवाह होने लगा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel