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विभागीय उदासीनता के कारण मार्च क्लोजिंग में लौट गयी राशि

महिला एवं बाल विकास विभाग से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में नोनीहालों को गर्मी से निजात दिलाने के लिए विद्युत साज-सज्जा के साथ-साथ पंखा लगाने थे.

नोनीहालों को गर्मी से बचने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में लगाना था पंखा प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों को मिले थे 5500 रुपये प्रतिनिधि, नारायणपुर महिला एवं बाल विकास विभाग से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में नोनीहालों को गर्मी से निजात दिलाने के लिए विद्युत साज-सज्जा के साथ-साथ पंखा लगाने थे. इसी उद्देश्य से प्रति आंगनबाड़ी केंद्रों को 5500 रुपया करके केंद्रों के माता समिति के खाते में देना था, लेकिन इसे विभागीय उदासीनता कहें या फिर कर्मियों और पदाधिकारी का ढुलमुल रवैया. नारायणपुर के 146 आंगनबाड़ी केंद्रों में यह काम होना था, उसमें मात्र 46 केंद्रों में ही हो पाया. शेष केंद्रों की राशि मार्च क्लोजिंग में वापस लौट गयी. अब इन सबके बीच कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिरकार नोनीहालों की सुविधा के लिए केंद्रों को आई राशि समय रहते क्यों नहीं उपयोग किया गया. आखिर इसमें आंगनबाड़ी सेविकाएं या संबंधित कर्मी या पदाधिकारी ने क्यों नहीं दिलचस्पी लिये. कहीं कम राशि और कमीशन ना मिलने के कारण तो ऐसा नहीं किया गया. बहरहाल जो भी हो, लेकिन प्रखंड के 100 केंद्रों के नोनीहालों के सुविधाओं पर पानी फिर गया है. – क्या कहते हैं अफसर आंगनबाड़ी केंद्रों में साज-सज्जा के लिए राशि आयी थी, लेकिन 15 प्रतिशत की कटौती कर ली गयी, जो राशि थी उनसे लगभग 46 केंद्रों में विद्युत वायरिंग व पंखा लगाने का कार्य किया गया है. – मुरली यादव, बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ

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