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पुरातन पतित जमीन में बना रहा तालाब, ग्रामीणों ने जताया विरोध, रुकवाया काम

सदर प्रखंड के रानीगंज गांव में भूमि संरक्षण विभाग की ओर से तालाब का जीर्णोद्धार कार्य में तालाब की जगह मेढ़ की मिट्टी काटा जा रहा है.

जामताड़ा. सदर प्रखंड के रानीगंज गांव में भूमि संरक्षण विभाग की ओर से तालाब का जीर्णोद्धार कार्य में तालाब की जगह मेढ़ की मिट्टी काटा जा रहा है, ताकि पुरानी मिट्टी को काटकर व तालाब को साफ कर विभाग को नया तालाब दिखा सके. इससे बिचौलिया पूरे तालाब की राशि हड़पने के फिराक में हैं, लेकिन सोमवार को जब तालाब खोदाई का कार्य शुरू हुआ तो ग्रामीणों ने देखा कि कार्यस्थल के आसपास विभाग की ओर से न कोई सूचना बोर्ड लगाया गया था और न ही विभाग का कोई इंजीनियर, कर्मी, न ही कोई पदाधिकारी मौजूद थे. यह काम सिर्फ बिचौलिये की देखरेख में पोकलेन से पुरातन पतित प्लॉट नंबर 1129 में निजी तालाब का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिसका ग्रामीणों ने विरोध कर काम को रोका, तो इसकी सूचना बिचौलिया ने पूर्व मुखिया दिनेश मुर्मू को दी. मुखिया ने दबंगई दिखाते हुए कार्यस्थल पर आकर फिर से काम को चालू कराया. ग्रामीणों ने मोबाइल से इसकी सूचना भूमि संरक्षण पदाधिकारी रिजवान अंसारी को दी. उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अमीन भेज कर उक्त जमीन की मापी करायी जायेगी, लेकिन ग्रामीण मापी के आस में दोपहर 2 बजे तक वहीं बैठे रहे. उस समय तक विभाग की ओर से कार्यस्थल पर न ही कोई अमीन आया ओर न ही कोई कर्मी. इसे विभाग की लापरवाही या पैसे की मार्च लूट कहें. विभाग का यह एक दीया तले अंधेरा कहावत को चरितार्थ कर रहा है. अगर इसी तरह ही चलता रहा तो ग्रामीण किसके यहां शिकायत करेंगे. यहां तो भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गयी है, लेकिन ग्रामीणों की ओर से बार-बार पदाधिकारी को फोन करने पर काम को तत्काल बंद कर दिया गया है. तालाब के समीप इंद्रासन का नहीं है जमीन, विभाग ने बना दिया अध्यक्ष ताज्जुब वाली बात यह है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में इसी तालाब को भूमि संरक्षण विभाग से जीर्णोद्धार का काम कराया गया था. उक्त वर्ष भी पानी पंचायत के दिनेश मुर्मू को सचिव और इंद्रासन मुर्मू को अध्यक्ष बनाया गया था, जबकि इंद्रासन मुर्मू का उक्त तालाब से करीब 1000 फीट की दूरी तक कोई जमीन ही नहीं है, तो विभाग ने इसको कैसे अध्यक्ष बना दिया. इससे विभाग की मेहरबानी कहें या पैसे की चाह, जबकि दिनेश मुर्मू उस समय खुद मुखिया थे. अगर विभाग द्वारा मापी करके देखा जाय तो दिनेश मुर्मू का अपना निजी जमीन लगभग 70 डिसमील है, जबकि पुरातन पतित प्लॉट नंबर- 1129 का लगभग 80 डिसमील अतिक्रमण कर कब्जा कर अपने तालाब में मिला लिया है. अभी तत्काल इस पूरे प्लॉट को फिर से तालाब को बढ़ा कर पूरे प्लॉट को अतिक्रमण कर कब्जा करना चाहता है. ग्रामीणों ने की जमीन की मापी करने की मांग जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 की इस योजना की प्राक्कलित राशि 17,11,500 रुपये है. इसमें सरकारी अनुदान 15,40,350 रुपये व कृषक अंशदान 10 प्रतिशत राशि 1,71,150 रुपये है. बिचौलिया तालाब की खोदाई करते समय उक्त प्लॉट के आसपास के रैयतों के खेत में मिट्टी भी गिरा रहा है. इसको लेकर ग्रामीण जियाराम मुर्मू, लखन मुर्मू, मिठुन मुर्मू, सुतीनाथ मुर्मू, राजेन मुर्मू ने विरोध किया और भूमि संरक्षण विभाग, जामताड़ा सीओ से उक्त जमीन को ग्रामीणों की उपस्थिति में मापी करने की मांग की है. बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में इसी तालाब के जीर्णोद्धार कार्य में भी दूसरे रैयत के खेत में मिट्टी गिरा दिया गया है. कहते हैं भूमि संरक्षण अफसर ग्रामीणों की शिकायत पर तालाब खोदाई का कार्य तत्काल बंद करा दिया गया है. मामले का निष्पादन करने के बाद ही आगे कार्य कराया जायेगा. – रिजवान अंसारी, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जामताड़ा

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