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नारायणपुर में 73 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास नहीं है अपना भवन

नारायणपुर. सरकार की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को उनके घर के आसपास ही पोषण एवं प्रारंभिक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

– 5000 से अधिक नोनीहाल खुले आसमान या जर्जर भवनों में पढ़ने को मजबूर निकेश सिन्हा, नारायणपुर. सरकार की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को उनके घर के आसपास ही पोषण एवं प्रारंभिक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इसी उद्देश्य से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन नारायणपुर प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति इस मंशा पर खरा नहीं उतर पा रही है. यहां आंगनबाड़ी व्यवस्था आज भी जुगाड़ू संसाधनों के सहारे चल रही है और हजारों नोनीहाल बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. प्रखंड में कुल 236 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें से मात्र 148 केंद्रों का ही अपना भवन है. शेष 73 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के मकानों में चल रहे हैं, जिनके लिए सरकार को प्रति माह लगभग 1000 रुपये किराया देना पड़ता है. किराए के मकानों में संचालित अधिकांश केंद्रों की हालत बेहद खराब है, जहां न तो पर्याप्त जगह है और न ही बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण. सरकार द्वारा आंगनबाड़ी भवन निर्माण का प्रयास भी किया गया. इसके लिए संविदा प्रक्रिया पूरी की गयी, लेकिन स्थानीय विवादों के कारण नारायणपुर प्रखंड में 10 आंगनबाड़ी भवन बनकर तैयार होने के बावजूद अब तक विभाग को हैंडओवर नहीं हो सका है. नतीजतन, इन भवनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है और बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. स्थिति यह है कि प्रखंड के 10 आंगनबाड़ी केंद्र सरकारी विद्यालयों में संचालित हो रहे हैं, जबकि चार केंद्रों का संचालन खाली पड़े सरकारी भवनों में किया जा रहा है. इसके बावजूद कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आंगनबाड़ी केंद्र के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है. वहां भी बच्चों को खुले आसमान के नीचे या जर्जर भवनों में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. आंकड़ों के अनुसार, नारायणपुर प्रखंड के 236 आंगनबाड़ी केंद्रों में कुल 16,665 लाभार्थी पंजीकृत हैं, जिनमें गर्भवती एवं धात्री महिलाएं भी शामिल हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचने वाले बच्चों की संख्या 15,148 बताई जा रही है. इसके अलावा लगभग 5000 ऐसे बच्चे हैं, जिनके लिए अब तक आंगनबाड़ी केंद्र की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है. मॉडल के आधार पर ही बनेगा नया आंगनबाड़ी भवन हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा नया नियम लागू किया गया है, जिसके तहत अब को-लोकेशन मॉडल के आधार पर ही नये आंगनबाड़ी भवन बनाए जाएंगे. इस नियम के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन सरकारी विद्यालय परिसर में ही बनाया जायेगा. इस दिशा में प्रशासन द्वारा सर्वे भी कराया गया है, जिसमें प्रखंड के 34 ऐसे सरकारी विद्यालयों की पहचान की गयी है. जहां आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण संभव है. इसकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेज दी गयी है. क्या कहतीं हैं पर्यवक्षिका – भवन की कमी को लेकर विभागीय वरीय पदाधिकारी को अवगत करा दिया गया है. कई स्थानों पर भवन निर्माण के लिए प्रक्रिया भी की जा रही है. केंद्र सरकार का अभी एक नया नियम आया है.इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्र बनने के लिए को-लोकेशन सर्वे भी हो गया है. – नियोती दास, महिला पर्यवेक्षिका, सीडीपीओ कार्यालय नारायणपुर

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