Jamshedpur news.
टाटा स्टील में वेज रिवीजन समझौता को लेकर सुगबुगाहट तेज हो चुकी है. वार्ता दिसंबर माह में होगी. दरअसल वेज रिवीजन समझौता एक जनवरी 2025 से लंबित हो जायेगा. 31 दिसंबर 2024 तक ही पुराना वेतन समझौता लागू होगा. इसके बाद चार्टर्ड ऑफ डिमांड सौंपी जा चुकी है. इसे लेकर मैनेजमेंट की ओर से भी चार्टर्ड ऑफ डिमांड दी जा रही है. इसके बाद वार्ता तेज होगी. बताया जाता है कि दो दिसंबर से वार्ता में गति आयेगी, लेकिन कई मुद्दे ऐसे है, जिस पर पेंच बढ़ेगा. दरअसल, यूनियन चाहती है कि पांच साल का समझौता हो, लेकिन मैनेजमेंट चाहेगी कि कम से कम सात साल का समझौता हो, ताकि ज्यादा बोझ कंपनी पर नहीं पड़े. वहीं एमजीबी को लेकर भी आपस में खींचतान हो सकता है. यूनियन चाहती है कि 50 फीसदी एमजीबी हो, लेकिन किसी भी हाल में मैनेजमेंट नहीं चाहेगी कि ज्यादा एमजीबी दिया जाये. कई सारे इंसेंटिव को बदलने का दबाव बनाया जा सकता है. पांच दिन कार्य दिवस अधिकारियों के लिए लागू है, लेकिन यह कर्मचारियों के लिए लागू होगा, यह संभव नहीं लगता है. एनएस ग्रेड के डिमांड पर सबकी निगाहें रहेगी. इसकी वजह है कि एनएस ग्रेड के कर्मचारी चाहते है कि स्टील वेज के समकक्ष उनका भी वेतनमान समेत अन्य सारी सुविधाएं दी जाये, लेकिन इसे लेकर मैनेमजेंट के साथ विवाद हो सकता है, क्योंकि एनएस ग्रेड का गठन ही स्टील वेज पर पड़ने वाले वेतन के बोझ को कम करना था. अगर उसके समकक्ष ही वेतनमान होना होता, तो फिर क्यों एनएस ग्रेड बनाया जाता, लेकिन मैनेजमेंट भी इसको सम्मानजनक हल तक ले जाना जरूर चाहेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है