पेसा कानून लागू नहीं होने से 16 हजार ग्रामसभा को उनके अधिकार से किया जा रहा वंचित
एक्सएलआरआई ऑडिटोरियम में रविवार को होगा आदिवासी महा दरबार
कोल्हान समेत ओडिशा व बंगाल से भी पहुंचेंगे माझी बाबा व समाज के बुद्धिजीवी
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बतौर मुख्य अतिथि आदिवासी महा दरबार में करेंगे शिरकत
Jamshedpur News :
बिष्टुपुर स्थित एक्सएलआरआई ऑडिटोरियम में रविवार 14 सितंबर को आदिवासी सांवता सुसार अखड़ा की ओर से आदिवासी महा दरबार का आयोजन किया जा रहा है. इसमें झारखंड, बंगाल व ओडिशा के करीब 2 हजार से अधिक माझी बाबा शिरकत करेंगे और अपने वजूद को बचाने व राज्य सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ आंदोलन का आह्वान करेंगे. इसमें बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन शामिल होंगे. यह जानकारी शुक्रवार को आदिवासी सांवता सुसार अखड़ा के पंचानन सोरेन, सोनाराम मार्डी, कृष्णा हांसदा, सुबोध मूर्मू व संजय मुर्मू ने बिष्टुपुर निर्मल गेस्ट हाउस में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दी.उन्होंने बताया कि आदिवासी महा दरबार में आदिवासी समाज के अधिकार, पेसा कानून, सीएनटी- एसपीटी, भूमि अधिग्रहण, विस्थापन, सामाजिक व्यवस्था समेत अन्य ज्वलंत मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जायेगा. कानूनविद व समाज के जानकार उक्त बिंदुओं पर अपनी बातों को रखेंगे. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की नेतृत्व वाली सरकार अबुआ सरकार बोलकर आदिवासियों को उनकी जल, जंगल, जमीन, भाषा-संस्कृति व संवैधानिक अधिकार से बेदखल करने का काम कर रही है. रूढ़ी प्रथा, सीएनटी-एसपीटी एक्ट, समता जजमेंट, हासा, भाषा व पेसा यहां कुछ भी सुरक्षित नहीं है. राज्य में पेसा कानून लागू नहीं होने से 16 हजार ग्रामसभा को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है. आदिवासी अपने ही राज्य में सुरक्षा, रोजी-रोजगार के लिए परेशान हैं. दिशोम गुरु शिबू सोरेन जल, जंगल, जमीन व शराब के खिलाफ आवाज उठाकर लड़ते रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जल, जंगल व जमीन को बेचने का काम कर रहे हैं और आदिवासियों को शराब सेवन के गर्त में धकेल कर उनके अस्तित्व को समाप्त करना चाहते हैं. आदिवासी महा दरबार में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के बाद सभी तथ्यों से राष्ट्रपति व राज्यपाल को अवगत कराया जायेगा. साथ ही न्यायालय से भी सहयोग करने का अपील की जायेगी.
इन मुद्दों पर माझी बाबा करेंगे मंथन
भारतीय संविधान प्रदत्त अनुसूचित जनजातियों को सुरक्षा देने वाले अधिकारों पर चर्चा होगीपारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के लिए रूढ़ि प्रथा के संरक्षण पर चर्चा होगीपेसा अधिनियम एवं नियमावली पर चर्चा होगीहाइकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये जजमेंट पर विशेष चर्चा होगीबिना ग्राम सभा के बालू घाटों का ई-ऑक्शन के बारे में चर्चा होगीअनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा के अधिकार और जिम्मेदारियों पर चर्चा होगीसरकार द्वारा कोल्हान में मानकी मुंडा स्वशासन व्यवस्था पर हस्तक्षेप के बारे में चर्चा होगीजमीन अतिक्रमण, अधिग्रहण तथा धर्मांतरण के रोक पर चर्चा होगीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

