स्कैनिंग में मिली जानकारी, कंपनियों को दिया गया सुधार का अवसर
पीएफ में छूटे कर्मचारियों का जुड़ेगा नाम
Jamshedpur News :
इपीएफओ इंप्लाइज इनरोलमेंट स्कीम (कर्मचारी नामांकन अभियान) चला रही है. इसके तहत वर्ष 2017 से 2025 के बीच वैसे लोगों के नाम जोड़े जायेंगे, जिनकी पीएफ की कटौती कंपनियां नहीं कर रही है या फिर पहले होती थी और अब बंद हो गयी है, उनको फिर से इपीएफओ से जोड़े जाने का अभियान चलाया जा रहा है. इपीएफओ ने इसको लेकर कंपनियों की स्कैनिंग की है, जिसमें यह पता चला है कि कोल्हान (सरायकेला खरसावां, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम जिला) में 13 हजार कंपनियां इपीएफओ में रजिस्टर्ड थे, जिसमें से सिर्फ 4500 कंपनियां ही हर माह पीएफ की राशि जमा करती है. शेष करीब 9 हजार कंपनियां ऐसी है, जो पीएफ की राशि जमा नहीं कर रही है. इसको लेकर कंपनियों के पते पर पत्र भेजा जा रहा है और अधिकृत मेल से भी जानकारी दी जा रही है, ताकि बचे हुए लोगों को पीएफ से जोड़ा जा सके.30 अप्रैल 2026 तक चलेगा कर्मचारी नामांकन अभियान
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने “कर्मचारी नामांकन अभियान, 2025 (इइसी 2025) ” की घोषणा की है. यह अभियान 1 नवंबर 2025 से शुरू हो चुका है, जो 30 अप्रैल 2026 तक चलेगा और इसका उद्देश्य बड़ी संख्या में श्रमिकों को संगठित सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना है. यह योजना वर्ष 2017 में चलाये गये इसी तरह के सफल नामांकन अभियान के बाद मंत्रालय का एक सतत प्रयास है, जिसमें 2009 से 2016 तक छूटे हुए पात्र कर्मचारियों का नामांकन किया गया था. नियोक्ता (कंपनियां या प्रतिष्ठान के मालिक या प्रबंधन) 1 जुलाई 2017 से 31 अक्तूबर 2025 के बीच शामिल हुए सभी मौजूदा कर्मचारियों का नामांकन कर सकते हैं, जो अब भी जीवित और कार्यरत हैं, लेकिन किसी कारण से पहले इपीएफ योजना में शामिल नहीं हुए थे. पिछली अवधि (1 जुलाई 2017 से 31 अक्तूबर 2025 तक) के लिए कर्मचारी का अंशदान माफ कर दिया जायेगा, यदि यह पहले कर्मचारी के वेतन से नहीं काटा गया था. नियोक्ताओं को केवल अपनी हिस्सेदारी का भुगतान करना होगा. इस योजना का लाभ लेने वाले नियोक्ताओं को एकमुश्त 100 रुपये का दंड देना होगा, जो सामान्य गैर-अनुपालन दंड से काफी कम है. सभी प्रतिष्ठान इस योजना में भाग लेने के लिए पात्र हैं, चाहे वे किसी जांच या निरीक्षण के तहत क्यों न हों. इइसी 2025 के तहत पंजीकृत नियोक्ता या अतिरिक्त कर्मचारियों की घोषणा करने वाले नियोक्ता प्रधानमंत्री-विकसित भारत रोजगार योजना के लाभ के पात्र होंगे. नामांकन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिसमें नियोक्ता को नामांकित कर्मचारियों का विवरण भरकर इलेक्ट्रॉनिक चालान-सह-रिटर्न से जोड़ना होगा. सरकार का मानना है कि इस अभियान से कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवर बढ़ेगा और नियोक्ताओं को अपने पिछले रिकॉर्ड को न्यूनतम वित्तीय और कानूनी बोझ के साथ नियमित करने में मदद मिलेगी, जिससे व्यापार करना आसान होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

