Jamshedpur news.
सुंदरनगर क्षेत्र के तालसा गांव में रविवार को माझी अखड़ा में माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू की अध्यक्षता में एक ग्रामसभा का आयोजन किया गया. ग्रामसभा में माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू ने कहा कि वर्तमान समय में कुड़मी समाज द्वारा कुड़मी को आदिवासी सूची में शामिल करने के लिए पिछले 20 सितंबर को 100 रेलवे स्टेशनों पर रेल टेका-डहर छेंका आंदोलन किया गया और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया, इसलिए अब आदिवासी समाज को कुड़मी समाज के प्रयास को विफल बनाने के लिए एकजुट होकर कुड़मी समाज के मांग के खिलाफ एक स्वर में आंदोलन का बिगुल फूंकना होगा. कुड़मी लाभ लेने के लिए आदिवासी बनना चाहते हैं. आदिवासी समाज उनकी मंसूबे को समझ चुका है, इसलिए कुड़मियों का हर जगह खुलकर विरोध हो रहा है.उन्होंने कहा कि कुड़मी को आदिवासी सूची में शामिल करने के विरोध में नौ अक्तूबर को जमशेदपुर के डीसी कार्यालय के सामने आदिवासी जनाक्रोश महारैली का आयोजन किया गया है. इस महारैली में अपना आक्रोश को प्रकट करने के लिए गांव से प्रत्येक महिला, पुरुष, नौजवान व बुजुर्ग पारंपरिक परिधान व औजारों के साथ भारी संख्या में शामिल हों. कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में किसी भी हाल में शामिल नहीं होने दिया जायेगा. इसका आदिवासी समाज द्वारा हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जायेगी. मौके पर नायके बाबा हाबीराम मुर्मू, जितेन हेंब्रम, भागवत मार्डी, वकील हेंब्रम, दारोगा हेंब्रम, गुमदा मुर्मू, राजाराम हेंब्रम, कुशाल हांसदा, डोमान सोरेन, कारु टुडू, सुनील हेंब्रम, काले बास्के, रघुनाथ टुडू, सुनील मुर्मू, डुमका बास्के, लिबाई मुर्मू, रबि बास्के, दुर्गा सोरेन, सरोती हेंब्रम, लक्ष्मी हेंब्रम, सरिता मुर्मू, मालती हेंब्रम आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

