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अनुभव और युवा जोश का संगम थी शिबू सोरेन और निर्मल महतो की जोड़ी

Nirmal Mahto Death Anniversary: शिबू सोरेन और निर्मल महतो अलग-अलग पीढ़ियों और विचारधाराओं से थे, लेकिन झारखंडी अस्मिता और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उनका एकजुट होना आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ. हर कदम पर दिशोम गुरु की छाया में निर्मल महतो ने न केवल आंदोलन को तेज गति प्रदान की, बल्कि आम जनता को भी आंदोलित कर एक साझा लक्ष्य की ओर प्रेरित किया.

Nirmal Mahto Death Anniversary| जमशेदपुर, दशमत सोरेन : आठ अगस्त को हर साल झारखंड आंदोलन के महान सपूत शहीद निर्मल महतो का शहादत दिवस मनाया जाता है. झारखंड राज्य की मांग को लेकर चले ऐतिहासिक आंदोलन में 2 प्रमुख नेताओं दिशोम गुरु शिबू सोरेन और निर्मल महतो की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही.

शिबू-निर्मल की एकजुटता ने आंदोलन को दी गति

यद्यपि, दोनों अलग-अलग पीढ़ियों और विचारधाराओं से थे, लेकिन झारखंडी अस्मिता और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उनका एकजुट होना आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ. हर कदम पर दिशोम गुरु की छाया में निर्मल महतो ने न केवल आंदोलन को तेज गति प्रदान की, बल्कि आम जनता को भी आंदोलित कर एक साझा लक्ष्य की ओर प्रेरित किया.

शिबू सोरेन-निर्मल महतो की साझी रणनीति से मिला झारखंड

शिबू सोरेन और निर्मल महतो की साझी रणनीति, समर्पण और नेतृत्व क्षमता ने झारखंड आंदोलन को सशक्त आधार और जन समर्थन प्रदान किया, जिसका परिणाम झारखंड राज्य के रूप में सबके सामने है.

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निर्मल महतो की खास बातें

Nirmal Mahto Death Anniversary
निर्मल महतो.
  • झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता निर्मल महतो झारखंड राज्य के निर्माण के लिए चलावे गये आंदोलन के प्रमुख और लोकप्रिय नेता थे. वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक थे.
  • जनजातीय हितों के लिए हमेशा सजग रक्षक की भूमिका को अदा किया. उन्होंने हमेशा आदिवासियों, मूलवासियों और वंचित समुदायों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी. उन्होंने लोगों को सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक रूप से जागरूक किया.
  • निर्मल महतो विद्यार्थी जीवन से ही संघर्षशील थे. वे छात्र जीवन से ही सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय रहे और युवाओं को जागरूक करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे.
  • निर्मल महतो निडर और स्पष्टवादी व्यक्ति थे, वे अपने विचारों को बिना झिझक और डटकर रखने वाले नेता थे. उनकी छवि एक बेबाक और जमीनी नेता की थी. निर्मल महतो को हर वर्ग का साथ मिला.

शिबू सोरेन की खास बातें

Shibu Soren Jmm Jharkhand News
शिबू सोरेन.
  • शिबू सोरेन ने 1970 के दशक में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की स्थापना की. उनका मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के अधिकारी की रक्षा और अलग झारखंड राज्य की मांग था.
  • उनका संघर्ष खास तौर पर जमींदारी शोषण, महाजनी प्रथा और सूदखोरी के खिलाफ था, उन्होंने धानकटनी आंदोलन सहित कई जनांदोलन चलाये.
  • संघर्ष के दौरान वे जंगलों में छुपकर भी अभियान चलाते रहे और अपने साथियों के लिए मर्यादित और अनुशासनिक आंदोलन का उदाहरण पेश किया, जिसमें हिंसा या संपत्ति का नुकसान नहीं किया गया.
  • उन्होंने जल, जंगल, जमीन के मुद्दों को न केवल क्षेत्रीय, बल्कि राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया.
  • उनकी विचारधारा और नेतृत्व ने झारखंड के आदिवासियो को एकजुट किया, स्वाभिमान जगाया और संगठित रूप से उनके हक की लड़ाई का मार्ग प्रशस्त किया.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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