Jharkhand News, Jamshedpur News जमशेदपुर : जमशेदपुर की बेटी ने एक बार फिर शहर को गौरवान्वित किया है. सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल की पूर्व छात्रा डॉ प्रिया रानी को अस्ट्रेलिया में स्टेम एंबेस्डर ( Stem ambassador australia ) चुना गया है. अब वह ऑस्ट्रेलियाई सरकार को साइंस से संबंधित नीति निर्धारण में मदद करेंगी. ऑस्ट्रेलिया में अधिकृत रूप से इसकी घोषणा की गयी. ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाले कुल 17 प्रोफेशनल को चुना गया है.
जिसमें जमशेदपुर की डॉ प्रिया रानी भी शामिल हैं. प्रभात खबर से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि स्टेम एंबेस्डर का टर्म कुल एक साल का होगा. इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के बच्चों व युवाअों में किस प्रकार साइंस, टेक्नोलॉजी व मैथमैटिक्स के प्रति रुझान पैदा किया जा सके, इसे लेकर सरकार के स्तर पर मुख्य रूप से नीतियों का निर्धारण किया जायेगा. ऑस्ट्रेलिया सरकार युवाअों में साइंस व टेक्नोलॉजी का क्रेज बढ़ाना चाहती है, इसी वजह से कई प्रोफेशनल्स का स्टेम एंबेस्डर के तौर पर चयन करती है.
साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अॉस्ट्रेलिया (Science and Technology, Australia) द्वारा वर्ष 2019 से इसकी शुरुआत की गयी थी. इसमें हर साल अॉस्ट्रेलिया के रहनेवाले प्रोफेशनल स्टेम ( साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एंड मैथमेटिक्स) कंपीटीशन ( Professional Stem Competition ) में शामिल होते हैं. इस कंपीटीशन में चुने गये विजेताअों को अॉस्ट्रेलियाई फेडरल सांसदों के साथ कार्य करना पड़ता है. साथ ही स्टेम अंबेस्डर को सरकार में विज्ञान से संबंधित लिये जानेवाले महत्वपूर्ण निर्णयों को तैयार करनेवाली टीम का हिस्सा भी बनाया जाता है. यह तीसरा साल होगा, जब स्टेम अंबेस्डर की घोषणा की गयी है.
डॉ प्रिया का परिवार बालीगुमा में रहता है. उनके पिता रमेश प्रसाद जेएनएसी में पदाधिकारी हैं, जबकि मां माधुरी कुमारी गृहिणी हैं. छोटी बहन मनीषा कुमारी कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हैं. डॉ प्रिया रानी कहती हैं कि भले वे उच्च शिक्षा व नौकरी के लिए अॉस्ट्रेलिया में हैं, लेकिन दिल तो जमशेदपुर में ही बसता है.
डॉ प्रिया रानी सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा हैं. कॉन्वेंट से वर्ष 2010 में 12वीं पास करने के बाद वीआइटी वेल्लोर से बीटेक किया. इसके बाद बायोमेडिकल साइंस एंड इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने अॉस्ट्रेलिया के मेलबर्न की आरएमआइटी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. यहां पढ़ाई खत्म करने के बाद डॉ प्रिया इसी यूनिवर्सिटी में अब लेक्चरर बन गयी हैं.
प्रभात खबर से बात करते हुए डॉ प्रिया रानी ने बताया कि वैश्विक आपदा कोरोना से पूरी दुनिया तबाह है. कोरोना में सबसे ज्यादा जरूरी है कि जल्द से जल्द दवा शुरू की जाये. कोरोना में वायरस सबसे ज्यादा लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं. यह सारा कुछ इतनी तेजी से होता है कि लोगों को पता भी नहीं चल पाता है कि उनके लंग्स को कितना नुकसान पहुंच चुका है.
इसे जानने के लिए डॉ प्रिया एक सॉफ्टवेयर पर रिसर्च कर रही हैं, जिसके इस्तेमाल से तत्काल यह जानकारी मिल सकेगी कि उनके लंग्स को कितना नुकसान पहुंचा है. इस पर पिछले छह माह से कार्य किया जा रहा है. इससे पूर्व वह ऐसे डायबिटिज मरीज, जिन्हें अल्सर हो जाता है, उनका अल्सर ठीक हो रहा है या नहीं, इसे जांचने के लिए भी सॉफ्टवेयर बना चुकी है.
Posted By : Sameer Oraon