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Jamshedpur News : जिले में बंद राखा, चापड़ी समेत अन्य माइंस जल्द खुलेंगी : सांसद

Jamshedpur News : पूर्वी सिंहभूम में डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक सिदगोड़ा टाउन हॉल में शुक्रवार को अध्यक्ष सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में हुई.

पंचायत स्तर पर विकास की 14,169 योजनाओं का आया प्रस्ताव, प्राथमिकता के आधार पर 9,675 योजनाओं का हुआ चयन

पूर्वी सिंहभूम जिले में डीएमएफटी न्यास परिषद की हुई बैठक

बैठक में सांसद, दो विधायक, एक विधायक प्रतिनिधि समेत कुल 217 पंचायतों के मुखिया शामिल हुए

Jamshedpur News :

पूर्वी सिंहभूम में डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक सिदगोड़ा टाउन हॉल में शुक्रवार को अध्यक्ष सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में हुई. घंटाभर चले बैठक में जिले के 231 पंचायतों के विकास योजनाओं के एक्शन प्लान पर चर्चा की गयी. इसमें कुल 14,169 विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक में आया, सबसे पहले उपायुक्त श्री मित्तल ने श्रेणीवार योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी मध्य से फरवरी अबतक आयोजित विभिन्न ग्रामसभाओं से कुल 14169 योजनाएं प्राप्त हुई थी, इसमें प्राथमिकता के आधार पर 9,675 योजनाओं का चयन किया गया. मौके पर उपायुक्त श्री मित्तल ने कहा कि ग्रामसभा योजनाओं के चयन में संवेदनशीलता बरतें. ऐसी योजनाओं का चयन करें, जिससे व्यक्ति विशेष नहीं पूरे समुदाय को लाभ हो. वहीं सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि जिले में बंद पड़ी राखा, चापड़ी व अन्य माइंस जल्द खुलेगी. इससे प्रभावित आसपास के इलाकों में डीएमएफटी फंड से विकास कार्य किये जायेंगे. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि डीएमएफटी गाइडलाइन के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका की योजनाओं को चयन में प्राथमिकता दें, ताकि लोगों के जीवन स्तर में सुधार आ सके.

चयनित योजनाओं में उच्च प्राथमिकता के 3960 योजना शामिल

चयनित योजनाओं में पेयजल आपूर्ति से संबंधित 1206, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय संबंधी तीन, स्वास्थ्य क्षेत्र से 300, शिक्षा से 1367, महिला एवं बाल कल्याण से जुड़ी 60, कौशल विकास और आजीविका सृजन के 78, स्वच्छता से जुड़ी 866, कृषि क्षेत्र के 80, आधारभूत संरचना के 4755, सिंचाई के 348, ऊर्जा एवं जलग्रहण विकास के 581 व अन्य 32 योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं में उच्च प्राथमिकता के 3960 तथा अन्य प्राथमिकता की 5716 योजनाएं है, इनमें प्रत्यक्ष रूप से खनन प्रभावित क्षेत्र के लिए 8438 और अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र के लिए 1390 योजनाएं शामिल हैं. मालूम हो कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत प्रत्येक जिले में डीएमएफटी कोष का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए किया जाता है. इससे पूर्व बैठक का शुभारंभ सांसद विद्युत वरण महतो, उपायुक्त अनन्य मित्तल, उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. बैठक में उपायुक्त के अलावा सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, निदेशक एनइपी संतोष गर्ग, जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि गुंजन यादव, जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक प्रतिनिधि मौजूद थे.

संवेदनशील होकर ग्रामसभा योजनाओं का चयन करें : उपायुक्त

उपायुक्त श्री मित्तल ने ग्रामसभा को संवेदनशील होकर योजनाओं का चयन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि डीएमएफटी फंड के 70 फीसदी राशि का उपयोग प्राथमिकता वाले योजनाओं पर करें. बाकी 30 फीसदी राशि अन्य प्राथमिकता वाले कार्यों पर करें. उन्होंने बताया कि पेयजलापूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, कौशल विकास एवं आजीविका संवर्धन, स्वच्छता, आवास, कृषि, पशुपालन से जुड़ी योजनाएं उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र में आते हैं. वहीं अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र में आधारभूत संरचना निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा एवं वाटरशेड विकास व पर्यावरण गुणवत्ता बढ़ाने वाले अन्य उपाय शामिल हैं.

मार्च में डीएमएफटी को लेकर विशेष प्रशिक्षण सत्र

उपायुक्त ने बताया कि डीएमएफटी गाइडलाइन के अनुसार योजनाओं के चयन, क्रियान्वयन में सहूलियत के लिए सभी मुखियागण का विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जायेगा. योजनाओं के चयन से लेकर क्रियान्वयन तक तीन स्तर पर प्रक्रिया पूरी की जाती है, इसमें ग्राम सभा में योजना का चयन के पश्चात प्रबंधकीय समिति प्राथमिकता तय करती है. वहीं न्यास परिषद की बैठक में योजनाओं को अनुमोदित किया जाता है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के पुनर्वास और सामाजिक-आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण आदि के लिए पारदर्शिता पूर्ण कार्य करना है. मुखियागण भी संवेदनशीलता से योजनाओं का चयन करें, जिससे ग्राम पंचायतों के समग्र विकास पर फोकस किया जाये.

विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग करें मुखिया : मंगल कालिंदी

जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी ने कहा कि सभी मुखिया डीएमएफटी से क्रियान्वित विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग करें. बावजूद कोई गड़बड़ी करें, तो उन्हें फोन करें. उन्होंने कहा कि ग्रामसभा के माध्यम से चयनित योजनाओं का दूरगामी परिणाम हो, इसका ध्यान रखें.

जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें सभी अधिकारी

बैठक में बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती ने मुखिया समेत अन्य सभी जनप्रतिनिधि के सम्मान का मुद्दा उठाया. प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी गंभीरता के साथ इसका ध्यान रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि डीएमएफटी के माध्यम से योजनाओं के चयन एवं क्रियान्वयन में मुखिया को उचित भागीदारी मिल रही है, इस भागीदारी को सार्थक बनायें.

डीएमएफटी से ग्राम पंचायत का हो समग्र विकास, ध्यान रखें : डीडीसी

बैठक में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने कहा कि नाली-सड़क जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अन्य फंड उपलब्ध होते हैं. डीएमएफटी से ग्राम पंचायत के समग्र विकास, लोगों के रोजगार, कौशल विकास से जुड़ी योजनाओं पर फोकस करें, जिसका लाभ पूरे समुदाय को मिले. उन्होंने पंचायत में विकास को लेकर व्यक्तिगत के बजाय सामाजिक सोच को आगे रखकर बहुमुखी विकास के लिए योजना का चयन करने का सुझाव दिया.

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