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Jamshedpur News: ऑडियो वायरल होने के बाद सोनारी प्रधान के खिलाफ संगत में रोष, सीजीपीसी ने लिखवाया इस्तीफा

Jamshedpur News: सोनारी के प्रधान तारा सिंह के खिलाफ उनके घर में ही दो माह से बवाल चल रहा था. तारा सिंह पर आरोप था कि उन्होंने एक महिला मित्र को गुरुद्वारा में सेवा देने के लिए रखा. फिर उससे दोस्ती की. इसकी जानकारी तारा सिंह के परिवार को भी हो गयी. उन्होंने तारा सिंह का मोबाइल भी जब्त कर लिया. तारा सिंह पर आरोप है कि उन्होंने महिला को सोनारी के पॉश एरिया में दो मंजिला मकान बनाकर दिया है.

Jamshedpur News: सोनारी गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान तारा सिंह की बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद सोनारी की संगत ने शनिवार को गुरुद्वारा परिसर में जमकर हंगामा मचाया. इसकी जानकारी मिलने पर सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह, अमरजीत सिंह, सुखविंदर सिंह राजू, शिंदे सिंह समेत अन्य काफी लोग पहुंचे. स्थिति बिगड़ती देख सोनारी की पुलिस भी वहां पहुंच गयी. प्रधान भगवान सिंह ने मौके को संभालते हुए विरोध पर अड़ी संगत से मौजूदा प्रधान से बात करने का समय मांगा. इसके बाद बाहर आकर सीजीपीसी के महासचिव अमरजीत सिंह ने जानकारी दी कि तारा सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. तारा सिंह ने सीजीपीसी के प्रधान सोनारी गुरुद्वारा के लेटर पैड में अंग्रेजी में अपना लिखित इस्तीफा सौंपा. इसके बाद कार्यकारी देखभाल के लिए कदमा के पूर्व प्रधान सुखविंदर सिंह को जिम्मेदारी देने की सीजीपीसी की घोषणा का भी स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया. संगत के विरोध के बाद सीजीपीसी ने तय किया कि दो दिनों के बाद सभी की राय से नये प्रधान या प्रक्रिया की घोषणा की जायेगी. इसके बाद सीजीपीसी व संगत ने सोनारी गुरुद्वारा प्रधान के कार्यालय में जंजीर लगाकर तालाबंदी कर दी.

सोनारी प्रधान के खिलाफ दो माह से चल रहा था मामला

सोनारी के प्रधान तारा सिंह के खिलाफ उनके घर में ही दो माह से बवाल चल रहा था. तारा सिंह पर आरोप था कि उन्होंने एक महिला मित्र को गुरुद्वारा में सेवा देने के लिए रखा. फिर उससे दोस्ती की. इसकी जानकारी तारा सिंह के परिवार को भी हो गयी. उन्होंने तारा सिंह का मोबाइल भी जब्त कर लिया. तारा सिंह पर आरोप है कि उन्होंने महिला को सोनारी के पॉश एरिया में दो मंजिला मकान बनाकर दिया है. ठेकेदार-टाइल्स व फर्नीचर का सारा भुगतान उन्होंने कर दिया है. तारा सिंह द्वारा मोबाइल का पासवर्ड नहीं बताने के कारण परिवार के लोग उसे ऑपरेट नहीं कर पा रहे हैं.

तारा सिंह के एक ऑडियो में यह बात सामने आयी कि ‘चिंता नहीं करनी है, वे अंतिम समय तक सहयोग करेंगे’. तारा सिंह किसी को हिटलर के नाम पर संबोधित करते हुए सलाह दे रहे हैं कि उसका फोन आये, तो नहीं उठाना है. इस मामले को लेकर सोनारी की संगत ने शुक्रवार देर शाम पूर्व प्रधान गुरदयाल सिंह व बलबीर सिंह गिल के नेतृत्व में बैठक की. इसमें तय किया गया कि शनिवार की सुबह गुरुद्वारा पहुंच कर इस्तीफे की मांग की जायेगी. बैठक में तय किये गये मुद्दों के साथ सभी लोग शनिवार को गुरुद्वारा पहुंचें.

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लाखों रुपये गोलमाल किया है तारा सिंह ने : गुरदयाल सिंह

सोनारी के पूर्व प्रधान गुरदयाल सिंह ने कहा कि वे लोग लंबे समय से कहते हुए आ रहे हैं कि तारा सिंह भटक गये हैं. उनके क्रिया-क्लाप ठीक नहीं है, लेकिन पैसों के जोर पर वे सभी का मुंह बंद कर दे रहे थे. गुरु के घर में देर जरूर है, लेकिन अंधेर नहीं. अब जब उनके अपनों के माध्यम से ही ऑडियो वायरल होने लगे, तो सीजीपीसी को भी मामले की गंभीरता समझ आयी. जब तक मामले की जांच व पैसों का हिसाब नहीं हो जाता है, तब तक तारा सिंह को कार्यालय आने का अधिकार नहीं होगा. कार्यालय के कागजातों में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हो, इसको लेकर कार्यालय में तालाबंदी की गयी.

निजी कारण से इस्तीफा दिया तारा सिंह ने : भगवान सिंह

सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह ने कहा कि तारा सिंह ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है. दो दिनों में सीजीपीसी संगत से विचार कर आगे की जिम्मेदारी तय करेगी. सोनारी की संगत के विरोध के बाद प्रधान तारा सिंह ने सीजीपीसी को अपना इस्तीफा सौंपा है. इस्तीफा देने के पीछे निजी कारण बताया है. भगवान सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से कुछ ऑडियो वायरल होने पर प्रधान तारा सिंह पर काफी आरोप लगे थे. सीजीपीसी के पदाधिकारी इसकी जांच के लिए पहुंचे थे. हल्ला होने पर सोनारी पुलिस भी गुरुद्वारा पहुंची. सीजीपीसी के पदाधिकारियों ने सभी को शांत कराया.

महासचिव अमरजीत सिंह ने की स्थिति साफ

सीजीपीसी के महासचिव अमरजीत सिंह ने सोनारी गुरुद्वारा में हंगामा के बाद संगत को संबोधित करते हुए कहा कि तारा सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जो भी घटना घटी, जिसको लेकर सोनारी की संगत में रोष था. उसी के आलोक में इस्तीफा लिया गया है. यह अपने समाज का मामला है. इसे किसी भी रूप में मीडिया में नहीं लाया जाना चाहिए. नये प्रधान का चुनाव संगत की मर्जी से होगा. इस दौरान नित नेम वाले कार्य संपन्न किये जा सकेंगे. सीजीपीसी का एक नुमाइंदा इस अवधि में यहां आकर कामकाज देखेंगे. इस दौरान कोई भी आपस में मारपीट-गाली गलौज नहीं करेंगे, जिससे गुरुद्वारा की मर्यादा भंग हो.

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