ठेका कंपनी एसबीइपीएल में लूटकांड का पुलिस ने किया खुलासा
कंपनी के पूर्व कर्मी समेत दो गिरफ्तार, दो की तलाश में छापेमारी
Jamshedpur News :
एक ही बार में बड़ा आदमी बनने की चाहत में बिरसानगर जोन नंबर-11 में सावित्री कॉम्प्लेक्स स्थित ठेका कंपनी एसबीइपीएल के कर्मचारी अजीत बेहरा ने अपने ही कार्यालय में लूट की योजना बनायी थी. चार सौ रुपये रोजाना कमाने से उसे काफी गरीबी का एहसास हो रहा था. इसलिए उसने एक ही बार में बड़ी रकम लूट कर अमीर बनने का सपना देखा और अपने दोस्ताें के साथ मिलकर लूटकांड को अंजाम दिया था. इस मामले में पुलिस ने अजीत बेहरा और उसके साथी बाबू सरदार उर्फ नेपू को गिरफ्तार किया. उनके पास से 1.23 लाख रुपये, देसी कट्टा, दो जिंदा गोली और स्कूटी बरामद किया गया है. इस कांड में शामिल अजय सिंह उर्फ मोटा, सूरज कांरवा अब भी फरार है. जिसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है. उक्त जानकारी सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने संवाददाता सम्मेलन में दी. मंगलवार को एसएसपी कार्यालय सभागार में संवाददाता सम्मेलन में सिटी एसपी ने बताया कि ठेका कंपनी एसबीइपीएल के कार्यालय में घुसकर 10.25 लाख रुपये लूट मामले का मास्टर माइंड कंपनी का ही कर्मचारी अजीत बेहरा निकला. पुलिस ने बताया कि एसबीइपीएल के कर्मचारी अजीत बेहरा करीब तीन माह पूर्व ही वेल्डर के तौर पर कंपनी को ज्वाइन किया था. नौकरी के दौरान उसे इस बात की जानकारी मिल गयी थी कि प्रत्येक माह की 10 तारीख को कंपनी के कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है. उस दिन काफी बड़ी रकम कार्यालय में आती है. इसके बाद अजीत ने अपने दोस्त अजय सिंह, बाबू सरदार और सूरज के साथ मिलकर लूट की योजना बनायी. योजना बनाने के बाद अजीत ने ही उन लोगों को डराने के लिए हथियार दिया था. कार्यालय के बारे में पूरी जानकारी अजीत ने अपने साथियों को दी. उसके बाद तीनों ने मिलकर लूट की घटना को अंजाम दिया. गौरतलब है कि 10 नवंबर को लूटकांड के बाद कंपनी के निदेशक पंकज कुमार सिंह के बयान पर कंपनी के पूर्व कर्मचारी करण मुदिलयार और अन्य के खिलाफ पिस्तौल सटा कर कार्यालय से 10 लाख रुपये और महिला कर्मचारी से 25 हजार रुपये लूटने और विरोध करने पर फायरिंग करने का केस दर्ज कराया था. जांच के दौरान पूर्व कर्मचारी करण मुदिलयार की कोई संलिप्ता इस कांड में नहीं मिली थी. जिसके कारण पुलिस ने उसे छोड़ दिया था.सीसीटीवी में स्कूटी पर बैठते दिखा अजीत
सिटी एसपी ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने अपनी टेक्निकल टीम के साथ काम शुरू किया. घटना के बाद अपराधी किस मार्ग से भागे, उसकी जानकारी ली. उसके बाद पुलिस ने उस मार्ग पर लगे सीसीटीवी फुटेज की छानबीन शुरू की. जहां पुलिस ने देखा कि घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक युवक खड़ा है. वह अपराधियों की स्कूटी पर बैठ रहा है. उसकी तस्वीर जब पुलिस ने ठेका कंपनी के मालिक को दिखायी, तो उसने अजीत की पहचान की. उसके बाद पुलिस ने अजीत को सबसे पहले पकड़ा. पूछताछ के दौरान उसने लूट की पूरी कहानी पुलिस को बतायी. उसके बाद पुलिस ने अजीत की निशानदेही पर सबसे पहले उसके घर से हथियार और जिंदा गोली बरामद की. उसके बाद पुलिस ने कांड में शामिल अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया.1.15 लाख रुपये चारों आपस में बांटे
घटना को अंजाम देने के बाद लूटी गयी रकम को आपस में बांट लिया था. 1.15 लाख रुपये उनलोगों ने आपस में बांटा था. उसके बाद सभी अपने-अपने काम में लग गये थे. मिले पैसे से अजीत ने 20 हजार रुपये का मोबाइल फोन भी खरीदा. पुलिस ने अजीत के पास से 45 हजार और नेपू के पास से 78 हजार रुपये बरामद किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

