Jamshedpur (Sandeep Savarn) :
इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आइबीपीएस) के एक फैसले के खिलाफ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों में आक्रोश है. दरअसल, आइबीपीएस ने बैंक क्लर्क अभ्यर्थियों के लिए तय उम्र सीमा में बदलाव किया है. पूर्व में अभ्यर्थियों के उम्र की काउंटिंग एक जून से होती थी, लेकिन अचानक से बिना किसी पूर्व सूचना के इसमें बदलाव कर उम्र की काउंटिग एक सितंबर से करने का निर्णय लिया है. इससे देश के हजारों विद्यार्थी एक झटके में परीक्षा फॉर्म भरने के लिए अयोग्य हो गये. इस निर्णय के खिलाफ विद्यार्थी गोलबंद हैं. उन्होंने कलकत्ता हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जबकि 8 सितंबर लखनऊ हाइकोर्ट में भी इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की जायेगी. आइबीपीएस की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार बैंक क्लर्क के लिए अभ्यर्थियों की न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन, जबकि उम्र सीमा 18 साल तय की गयी है. यानी 18 साल की उम्र में विद्यार्थी अगर स्नातक की परीक्षा पास कर लेते हैं, तो वह इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. जबकि यह किसी भी हाल में प्रैक्टिकल नहीं है. देश में जिस प्रकार से शिक्षा व्यवस्था का खाका तैयार किया गया है, उसके अनुसार ग्रेजुएशन किसी भी हाल में 18 साल की उम्र में पूरा नहीं हो सकता है.क्या है छात्रों की डिमांड
अंतिम अटेंप्ट का अवसर छीना गया : विकास कुमार गर्ग
जिन विद्यार्थियों के पास 2024 में एक वर्ष शेष था और वे 2025 को अपना अंतिम अटेंप्ट मानकर तैयारी कर रहे थे, उन्हें 1 सितंबर को अचानक “अयोग्य” घोषित करना सीधा अन्याय है. जनवरी 2025 में जारी आइबीपीएस कैलेंडर में स्पष्ट था कि जून के बाद जन्म लेने वाले सभी छात्र पूर्व की भांति एलिजिबल होंगे.ग्रेजुएशन और न्यूनतम आयु में विरोधाभास : श्याम कुमार झा
आइबीपीएस आरआरबी क्लर्क के लिए आयु सीमा 18-28 वर्ष और पीओ के लिए 18-30 वर्ष है. सवाल यह है कि क्या 18 वर्ष की आयु में कोई छात्र ग्रेजुएशन पूरी कर सकता है? इसलिए क्लर्क के लिए आयु सीमा 20-30 वर्ष और पीओ के लिए 20-32 वर्ष की जानी चाहिए.एक ही योग्यता पर अलग-अलग आयु सीमा क्यों? : रितिक जैन
क्लर्क और पीओ दोनों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता ग्रेजुएशन ही है, तो फिर आयु सीमा अलग-अलग रखना अनुचित है.कट ऑफ एज का महीना स्थिर हो : प्रशांत कुमार
कट ऑफ एज का महीना हर वर्ष बदल जाता है, जिससे छात्र भ्रमित रहते हैं और एग्जाम प्लानिंग नहीं कर पाते. इसे यूपीएससी सिविल सर्विसेज (1 अगस्त ) या एसबीआइ पीओ / क्लर्क (1 अप्रैल) की तरह एक निश्चित माह में तय किया जाये.गणित के प्रसिद्ध शिक्षक अमर सिंह आंदोलन को दे रहे हैं गति
छात्र इस मुद्दे को लेकर आर या पार के मूड में हैं. इस आंदोलन को एक दिशा दे रहे हैं जमशेदपुर के प्रसिद्ध शिक्षक अमर सिंह. वे लगातार अपने वीडियो के माध्यम से छात्रों के मुद्दे को उठा कर रहे हैं. आठ सितंबर की सुबह 10 बजे से राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन कैंपेन की शुरुआत की जायेगी. इस अभियान की पहल शिक्षक अमर सिंह ने की है. कहा कि यूट्यूब पर शिक्षा देने वाले फैकल्टी शनिवार और रविवार को वीडियो बनाकर प्रचार करेंगे और अपने एक्स अकाउंट से बड़े पैमाने पर (ट्वीट) करेंगे. सभी स्टूडेंट्स भी उसी समय एक्स पर सक्रिय रहेंगे और अधिक से अधिक (ट्वीट) करेंगे. तीन निर्धारित हैशटैग का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जायेगा.#ibpsreforms, #fixedagecutoff, #agerelaxation . इसके साथ प्रत्येक छात्र और शिक्षक अपना एक पर्सनल हैशटैग भी जोड़ेंगे.B
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