Jamshedpur News :
इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्व लिक्विडेटर शशि अग्रवाल को एक बड़ा झटका लगा है. जमशेदपुर के सत्र न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. यह फैसला कंपनी की संपत्तियों और फंड्स में बड़े पैमाने पर हेराफेरी के आरोपों से जुड़े मामले में आया है. शिकायतकर्ता के वकील अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायाधीश वैशाली श्रीवास्तव ने अपने आदेश में कहा कि यह एक साधारण धोखाधड़ी नहीं, बल्कि एक संगठित आर्थिक अपराध है, जो देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है. यह मामला इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड से जुड़ा है, जहां कंपनी की संपत्तियों और फंड्स की हेराफेरी की गयी. न्यायाधीश ने अपने 11-पैराग्राफ के विस्तृत आदेश में कहा कि आरोपी शशि अग्रवाल ने लिक्विडेटर के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया और साजिश में शामिल होकर कंपनी के कुल कर्ज को 21.63 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया. इस हेराफेरी से मजदूरों के 300 करोड़ से अधिक के बकाया वेतन प्रभावित हुए हैं. शिकायतकर्ता के वकील अखिलेश श्रीवास्तव ने दलील दी कि शशि अग्रवाल इस पूरी साजिश के मुख्य सूत्रधार हैं.उन्होंने एनसीएलएटी के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें अग्रवाल को निष्पक्ष न होने के कारण उनके पद से हटा दिया गया था. यह भी आरोप है कि अग्रवाल ने रमेश घमंडीराम गोवानी और कुछ अन्य कंपनियों के साथ मिलकर एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) के हस्तांतरण के माध्यम से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. यह फैसला उन हजारों पूर्व कर्मचारियों और मजदूरों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है, जो वर्षों से अपने बकाया वेतन का इंतजार कर रहे हैं.
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