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EX CM रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, कहा- राज्य में विकास ठप, सिर्फ हवा-हवाई हो रही बातें

झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. कहा कि राज्य में विकास नहीं हो रही है. सिर्फ हवा-हवाई बातें हो रही है. कहा कि राज्य में बालू-गिट्टी की समस्या उत्पन्न होने से आवास निर्माण भी प्रभावित हो रहा है.

Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास हेमंत सरकार पर जमकर बरसे. कहा कि वर्तमान सरकार न चल रही है और न ही रेंग रही है, सिर्फ सोयी हुई है. कहा कि उससे संवेदना की उम्मीद करना बेमानी है.

राज्य में अवैध बालू और गिट्टी का खेल जारी

पूर्व मुख्यमंत्री श्री दास ने राज्य की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि राज्य में बालू और गिट्टी की अनुपलब्धता राज्य के विकास को और पीछे ढकेल रही है. इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. वर्ष 2020 से न तो बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई है और न ही पत्थर खदानों की निलामी. इन दिनों बालू उठाव और क्रशर पर रोक लगायी गयी है. इसके बावजूद अवैध बालू और गिट्टी का खेल जारी है. कहा कि सरकार अगर दूरदर्शी सोच रखती और समय पर बालू घाटों की बंदोबस्ती एवं पत्थर खदानों की निलामी की गयी होती, तो आज बालू-गिट्टी के लिए हाहाकार नहीं होता.

रियल एस्टेट का कारोबार भी प्रभावित

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्राम्य सेतु योजना और अन्य सरकारी योजनाओं का निर्माण कार्य बालू-गिट्टी के अभाव में दम तोड़ने वाली है. बालू और गिट्टी की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जहां हर दिन 1400 से 1500 आवास बन रहे थे, वहीं अब यह घटकर 500 से नीचे पहुंच गया है. इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम्य सेतु योजना के तहत बनने वाली पुल-पुलिया का निर्माण कार्य लगभग ठप है. जहां काम हो रहा है वहां काम करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. रियल एस्टेट का कारोबार भी राज्य में करीब ठप गया है.

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मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या

पूर्व सीएम श्री दास ने कहा कि सरकारी निर्माण कार्य, रियल एस्टेट कारोबार और निजी आवास निर्माण के क्षेत्र का कार्य प्रभावित होने के कारण राज्य के लगभग 20 से 22 लाख मजदूर बेकार हो गये हैं. इन मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. दूसरी तरफ बालू-गिट्टी सप्लाई करने वाले ट्रैक्टर एवं हाईवा वाहन सड़क पर खड़े हो कर धूल फांक रहे हैं. इन ट्रैक्टर एवं हाईवा के मालिकों को कारोबार ठप होने के कारण इनके लिए बैंकों का किस्त भुगतान करना मुश्किल हो गया है.

सीएम हेमंत सोरेन से अपील

सरकार पर अक्रमन्यता का आरोप लगाते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि अगर सरकार मुस्तैद होती, तो आज राज्य की विकास योजनाओं और रियल एस्टेट की यह दुर्गति नहीं होती. राज्य में करीब चार सौ पत्थर खदान है. गत 30 मार्च को 60 फीसदी खदान की लीज अवधि खत्म हो गयी है. इसके तहत 241 पत्थर खदान से हर दिन औसतन 32 हजार 32 टन पत्थर का खनन होता था. लीज समाप्ति के बाद इन खदानों के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इन खदानों की लीज प्रक्रिया तथा बालू घाटों की बंदोबस्ती जल्द पूरी करने की अपील की है, ताकि राज्य में बालू-गिट्टी की कमी की समस्या दूर हो सके.

Posted By: Samir Ranjan.

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