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Jamshedpur News : केबुल कंपनी मामले में एनसीएलटी के फैसले को चुनौती देने के लिए अपीलेट में केस दायर करने को मिली मंजूरी

Jamshedpur News : इंकैब इंडस्ट्रीज (केबुल कंपनी) के मामले में एनसीएलटी के फैसले को चुनौती देने के लिए अपीलेट अथॉरिटी एनसीएलएटी में केस दायर करने की मंजूरी मिल गयी है.

एनसीएलटी में कर्मचारियों के पीएफ के 164.63 करोड़ रुपये को समाहित नहीं किया गया

इपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय जमशेदपुर में हुए एसेसमेंट में पाया गया कि 164.63 करोड़ रुपये कर्मचारियों का बकाया है

Jamshedpur News :

इंकैब इंडस्ट्रीज (केबुल कंपनी) के मामले में एनसीएलटी के फैसले को चुनौती देने के लिए अपीलेट अथॉरिटी एनसीएलएटी में केस दायर करने की मंजूरी मिल गयी है. रीजनल कमेटी की ओर से इसको पारित कर जोनल कमेटी पटना को भेजा गया था. जोनल लिटिगेशन मैनेजमेंट कमेटी की हुई बैठक में इसको मंजूरी दे दी गयी है. इसको नयी दिल्ली के एनसीएलएटी में चुनौती देने को लेकर विस्तार से चर्चा की गयी और पाया गया कि यह फैसला एकतरफा ले लिया गया है और इपीएफओ के पैसे को अलग रखकर फैसला सुना दिया गया है. इस मद में करीब 164.63 करोड़ रुपये है, जो कर्मचारियों का पैसा है, जिसकी गणना रिजोल्यूशन प्लान में नहीं किया गया है. इस कारण इसको चुनौती दी जायेगी.

यह है मामला

एनसीएलटी ने पिछले दिनों इंकैब इंडस्ट्रीज को लेकर वेदांता के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 545 करोड़ रुपये में केबुल कंपनी को वेदांता को दे दिया गया है. एनसीएलटी में कर्मचारियों के पीएफ के 164.63 करोड़ रुपये को समाहित नहीं किया गया है, क्योंकि इसका सपोर्टिंग कोई डॉक्यूमेंट नहीं है. ऐसे में कर्मचारियों को उनके हिस्से का 164.63 करोड़ रुपये पीएफ का नहीं मिल पायेगा. इपीएफओ चाहता है कि कर्मचारियों के पैसे को भी दिलाया जाये, जिसके लिए इपीएफओ एनसीएलएटी में चुनौती देने जा रही है, ताकि कर्मचारियों का बकाया 164.63 करोड़ रुपये मिल सके. इपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय जमशेदपुर में इसका एसेसमेंट किया गया है, जिसमें पाया गया है कि 164.63 करोड़ रुपये कर्मचारियों का बकाया है, जो पीएफ के मद में कंपनी को जमा करना है. इपीएफओ की दलील है कि जब सारे देनदारी तय की गयी है, तो फिर एनसीएलटी ने कर्मचारियों के पीएफ के पैसे को अलग क्यों कर दिया. इस कारण एनसीएलएटी में इसको इपीएफओ चुनौती देगी, ताकि कर्मचारियों का पैसा भी टेकओवर करने वाली कंपनी दे, जिससे कर्मचारियों को पीएफ का बकाया राशि मिल सके.

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