टाटा स्टील . क्वार्टरों के रख- रखाव पर कर्मचारियों के लिए प्रबंधन ने दिया नया प्रस्ताव
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अपने खर्च पर करें क्वार्टर मॉडिफिकेशन
टाटा स्टील . क्वार्टरों के रख- रखाव पर कर्मचारियों के लिए प्रबंधन ने दिया नया प्रस्ताव प्रबंधन ने यूनियन के समक्ष दोहराया कि क्वार्टर मॉडिफिकेशन का खर्च कंपनी वहन नहीं कर सकती. जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारी अगर अपने क्वार्टर का मॉडिफिकेशन करना चाहते हैं तो खुद खर्च करें. उस खर्च को कंपनी आसान […]
प्रबंधन ने यूनियन के समक्ष दोहराया कि क्वार्टर मॉडिफिकेशन का खर्च कंपनी वहन नहीं कर सकती.
जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारी अगर अपने क्वार्टर का मॉडिफिकेशन करना चाहते हैं तो खुद खर्च करें. उस खर्च को कंपनी आसान किस्तों में चुकायेगी. यह नया विकल्प टाटा स्टील प्रबंधन ने यूनियन को दिया है. सोमवार को इसे लेकर यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री बीके डिंडा, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू ने ऑफिस बियररों के साथ मीटिंग की. इसमें बताया गया कि क्वार्टर मॉडिफिकेशन (टीआरएम) को लेकर एडमिनिस्ट्रेशन रितुराज सिन्हा के स्तर पर मीटिंग हुई है.
इसमें फिर दोहराया गया है कि मॉडिफिकेशन का खर्च कंपनी वहन नहीं कर सकती है. कंपनी किश्तों में चुकाने की परिपाटी को बंद करना चाहती है. इसका जब यूनियन के टॉप थ्री ने विरोध किया तो प्रबंधन ने तीन नये विकल्प दिये हैं. इसके तहत पहला विकल्प यह दिया गया कि अगर 24 हजार रुपये किसी क्वार्टर के मॉडिफिकेशन पर खर्च होता है तो उसको वर्तमान फार्मूला के तहत 240 से भाग देने के बाद सौ रुपये माह के हिसाब से कर्मचारी के वेतन से इसकी रिकवरी की जाती है,लेकिन अब इसके तहत कंपनी 3.9 गुणा ज्यादा राशि कर्मचारी के वेतन से कटौती करना चाहती है. यानी सौ के बजाय 390 रुपये की कटौती मैनेजमेंट चाहता है.
दूसरे विकल्प के तौर पर यह कहा गया है कि कर्मचारी खुद क्वार्टर के मॉडिफिकेशन पर खर्च करे और जिस तरह कंपनी अपने पैसे की रिकवरी करती है, उसी तरह कर्मचारी कंपनी से उसी अंदाज में पैसे को वसूले या फिर उसे परक्विजिट टैक्स के दायरे में भी ला दिया जाये. इन तीनों विकल्प का ऑफिस बियररों ने विरोध किया और कहा कि पहले जो पुरानी परिपाटी चल रही थी, उसे जारी रखते हुए वार्ता की जाये. क्वार्टर मॉडिफिकेशन को बंद करने के बाद वार्ता शुरू करना उचित नहीं होगा. पहले टीआरएम का काम क्वार्टरों में शुरू कराया जाये. इस पर अध्यक्ष, महामंत्री और डिप्टी प्रेसिडेंट ने तय किया कि वे लोग इस पर फिर से मैनेजमेंट से बातचीत करेंगे.
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलेंगे यूनियन नेता : बैठक के दौरान इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी के जमशेदपुर आने की सूचना यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने दी. इस पर तय हुआ कि वे सारे लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलेंगे. हालांकि, टाटा वर्कर्स यूनियन को इसकी सूचना नहीं होने पर विरोध दर्ज कराया गया. उल्लेखनीय है कि जी संजीवा रेड्डी 10 मई को शहर पहुंच रहे हैं.
वार्ता के पहले पुराने विकल्प को बंद करने का यूनियन ने किया विरोध
प्रबंधन ने यूनियन को दिये तीन विकल्प
क्वार्टर मॉडिफिकेशन के बदले कंपनी वसूलेगी 3.9 गुना ज्यादा राशि
कर्मचारी खुद क्वार्टर पर खर्च करे और कंपनी राशि किस्तों में चुकायेगी
या क्वार्टर को परक्विजिट टैक्स के दायरे में लाया जाये
सिस्टम बदलने के पीछे मैनेजमेंट का तर्क
मैनेजमेंट ने सिस्टम को बदलने के पीछे यह तर्क दिया है कि रुपये का अवमूल्यन हर साल होता रहता है, इस कारण काफी घाटा होता है. इस दायरे में क्वार्टर में कमरे में टाइल्स बिछाना, किचेन शेड, स्लैब, अतिरिक्त टॉयलेट, अतिरिक्त इलेक्ट्रीकल प्वाइंट आदि को जोड़ना शामिल है.
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