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खरसावां में मुख्यमंत्री का विरोध करने वाले 500 अज्ञात पर केस
खरसावां/रांची: खरसावां में मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रम में हुए हंगामा व उपद्रव की जांच शुरू कर दी गयी है. मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, गृह सचिव एसकेजी रहाटे, डीजीपी डीके पांडेय व एडीजी अभियान आरके मल्लिक, अनुराग गुप्ता सोमवार को हेलीकॉप्टर से खरसावां पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पांच […]
खरसावां/रांची: खरसावां में मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रम में हुए हंगामा व उपद्रव की जांच शुरू कर दी गयी है. मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, गृह सचिव एसकेजी रहाटे, डीजीपी डीके पांडेय व एडीजी अभियान आरके मल्लिक, अनुराग गुप्ता सोमवार को हेलीकॉप्टर से खरसावां पहुंचे.
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पांच सौ अज्ञात लोगों को खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वीडियो फुटेज देखने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा उक्त अधिकारी शहीद पार्क भी पहुंचे और हर बिंदु पर जांच की. इसके बाद घटना को लेकर सरायकेला-खरसावां में अधिकारियों के साथ बैठक भी की. अधिकारियों ने इस बात की जांच की, कि आखिर चूक कहां से हुई. जब विरोध को लेकर पहले से अलर्ट भेजा गया था, तो सुरक्षा-व्यवस्था तय करने में हर परिस्थिति को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया. विरोध करनेवालों को मुख्यमंत्री से दूर रखने के लिए जरूरी इंतजाम किये गये थे या नहीं.
करीब एक घंटा खरसावां में रहे अधिकारी : खरसावां में करीब एक घंटा तक जांच टीम के सदस्य रहे. झारखंड पुलिस के हेलीकॉप्टर से सभी अधिकारी दोपहर 3.55 में खरसावां के अर्जुना स्टेडियम पहुंचे. यहां से शहीद पार्क पहुंच कर करीब 10 मिनट निरीक्षण कर प्रखंड कार्यालय पहुंचे. यहां बंद कमरे में 40 मिनट तक बैठक की. बैठक के पश्चात वापस रांची लौट गये. इस दौरान खरसावां में जगह-जगह सुरक्षा बल तैनात किये गये थे.
क्या है मामला : मुख्यमंत्री रघुवर दास रविवार को खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद स्थल पर गये थे. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन से नाराज आदिवासी संगठनों ने इसका विरोध किया था. मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाये गये थे. भीड़ में कुछ लोगों ने चप्पल-जूते भी उछाले थे. भीड़ में शामिल लोग सीएम के काफी करीब तक पहुंच गये थे. इस कारण सीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं, क्योंकि विरोध की जानकारी पहले से सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन व पुलिस को थी. पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट भेजा था और कार्यक्रम से दो दिन पहले मुख्य सचिव ने सुरक्षा को लेकर डीजीपी के साथ बैठक भी की थी.
सरायकेला-खरसावां डीसी-एसपी नपेंगे!
खरसावां शहीद स्मारक स्थल पर हुई घटना के बाद सरकार वहां के डीसी-एसपी पर कार्रवाई कर सकती है. दोनों अधिकारियों का तबादला किया जा सकता है. घटना की जांच के लिए सरकार ने सोमवार को खरसावां भेजे गये मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को कहा गया था कि घटना के हर बिंदु पर जांच करें. लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय करें. जांच में यह बात सामने आयी है कि सुरक्षा की तैयारी करने में सरायकेला पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने लापरवाही बरती. यह तथ्य भी सामने आया है कि विरोध करने वाले लोग मुख्यमंत्री के नजदीक पहुंच गये थे और सीएम के सुरक्षा घेरे के पीछे-पीछे चल रहे थे. यह सीएम की सुरक्षा में बड़ी प्रशासनिक चूक है. वीडियो फुटेज में भी यह दिख रहा है कि जब प्रदर्शन कर रहे लोग काला झंडा लहरा रहे थे और जूते-चप्पल उछाल रहे थे, तब पुलिस के लोग कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं थे. जिला प्रशासन की तरफ से इस तरह की किसी स्थिति से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की गयी थी. जबकि, चार दिन पहले से सोशल मीडिया में कार्यक्रम का विरोध करने की बात कही जा रही थी. स्पेशल ब्रांच ने भी अलर्ट भेजा था. जांच के दौरान यह बात भी सामने आयी है कि कार्यक्रम स्थल पर बड़ी संख्या में लोग काला झंडा लेकर पहुंचे थे.
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