ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच मंगलवार को संवाद-2016 का शुभारंभ हुआ. झारखंड स्थापना दिवस के साथ-साथ भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर इसका आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. पांच दिवसीय सम्मेलन 19 नवंबर तक चलेगा, इस दौरान कदमा गणेश पूजा मैदान से लेकर सोनारी ट्राइबल कल्चरल सेंटर तक में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. मौके पर कार्यक्रम का संचालन टाटा स्टील के सीएसआर के चीफ बिरेन भुटा ने किया. उन्होंने उदघाटन भाषण भी दिया. इस अवसर पर टाटा स्टील के प्रेसिडेंट आनंद सेन, ग्रुप डायरेक्टर चाणक्य चौधरी, वीपी सुनील भास्करण, वीपी बीके दास, वीपी सुरेश कुमार, वीपी राजीव सिंघल, एमडी के पीइओ अवनीश गुप्ता, चीफ काॅरपोरेट कम्युनिकेशन कुलविन सुरी, मजदूर नेता राकेश्वर पांडेय सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया समेत कई लोग मौजूद थे.
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आदिवासी टाटा स्टील परिवार के सदस्य
जमशेदपुर : आदिवासी समुदाय टाटा स्टील के परिवार के सदस्य हैं. टाटा स्टील के स्थापना काल से लेकर कंपनी को आगे बढ़ाने में इनकी अहम भूमिका रही है. समाज को आगे ले बढ़ाने में टाटा स्टील ने भी लगातार अपनी भूमिका निभाती रही है. यह बातें टाटा स्टील के ग्रुप एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कौशिक चटर्जी ने […]
जमशेदपुर : आदिवासी समुदाय टाटा स्टील के परिवार के सदस्य हैं. टाटा स्टील के स्थापना काल से लेकर कंपनी को आगे बढ़ाने में इनकी अहम भूमिका रही है. समाज को आगे ले बढ़ाने में टाटा स्टील ने भी लगातार अपनी भूमिका निभाती रही है. यह बातें टाटा स्टील के ग्रुप एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कौशिक चटर्जी ने कहीं. वे कदमा गणेश पूजा मैदान में मंगलवार से शुरू हुए टाटा स्टील के जनजातीय सम्मेलन संवाद 2016 के उदघाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
बाइस्कोप में दिखायी जायेंगी 8 डॉक्यूमेंट्री फिल्में : संवाद-2016 के तहत बुधवार को सोनारी टीसीसी मे बाइस्कोप में 8 डाॅक्यूमेंट्री फिल्में दिखायी जायेंगी इनमें भूमिज आदिवासी, सॉग ऑफ मसांगवा, प्लीज डॉट बीट मी सर, वीमेन बीट्रेड, बीर बिंझवार, पांजी के पांजवार, खनकार अहंकार, हैव यू सीन अरेना आदि शामिल हैं.
वारली व मरम नृत्य की रहेगी धूम : महाराष्ट्र का वारली व मणिपुर का मरम नृत्य बुधवार को कलाकार प्रस्तुत करेंगे. इसके अलावा कर्नाटक का बीटे कुरुबा, झारखंड की भूमिज, त्रिपुरा का त्रिपुरी, राजस्थान का सहारिया एवं झारखंड का ही हो नृत्य की धूम रहेगी. ट्राइबल हेल्थ सिस्टम पर होगी परिचर्चा : आदिवासी पहाड़ी व प्रकृति की गोद में निवासी करने वाले हैं. इनका समूचा जीवन इन्हीं के इर्द-गिर्द की गुजरता है. आज भले ही विज्ञान ने काफी उन्नति कर लिया है. लेकिन इन पहाड़ी आदिवासी के जीवन की स्वास्थ्य पद्धति को जानने के लिए लोग उत्सुक हैं. बुधवार को पूरे भारत वर्ष के आये बुद्धिजीवी व जानकार ट्राइबल हेल्थ सिस्टम पर परिचर्चा करेंगे.
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