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बच्चे की चंचलता भी डिसऑर्डर

जमशेदपुर : बच्चा अगर शांत नहीं बैठता है. हर समय कुछ न कुछ करता रहता है तो यह एक तरह का मानसिक रोग है. ऐसे बच्चे किसी चीज को गंभीरता से नहीं लेत. उक्त बातें रविवार को साकची स्थित एक होटल में इंडियन एकेडमी आॅफ पेडियाट्रिक (आईपीए) जमशेदपुर शाखा की ओर से आयोजित एनुअल काॅन्फ्रेंस […]

जमशेदपुर : बच्चा अगर शांत नहीं बैठता है. हर समय कुछ न कुछ करता रहता है तो यह एक तरह का मानसिक रोग है. ऐसे बच्चे किसी चीज को गंभीरता से नहीं लेत. उक्त बातें रविवार को साकची स्थित एक होटल में इंडियन एकेडमी आॅफ पेडियाट्रिक (आईपीए) जमशेदपुर शाखा की ओर से आयोजित एनुअल काॅन्फ्रेंस में टाटा मोटर्स की मनोचिकित्सक सुदेशना दास ने कहीं.
उन्होंने कहा कि एेसी बीमारी को ब्रेन पैथॉलाजी, मेडिटेशन आदि से ठीक किया जा सकता है. वहीं कोलकाता के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एके दास ने कहा कि तीन कारणों से यहां शिशु मृत्युदर अधिक है.
30 प्रतिशत नवजात की मौत 37 सप्ताह से पहले जन्म होने के कारण, 30 प्रतिशत की जन्म के साथ नहीं रोने तथा इतने ही बच्चों की मौत इंफेक्शन की वजह से होती है. कुछ चीजों पर ध्यान देकर इसमें कमी लायी जा सकती है. मौके पर डॉ बी अार मास्टर, डॉ एस भट्टाचार्य, डॉ राजीव शरण, डॉ मिथिलेश कुमार, डॉ के के चौधरी ने संयुक्त रूप से आइएपी की पत्रिका का विमोचन किया.

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