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गाड़ियों को जब्त करने के लिए पुलिसिया कार्रवाई शुरू
ओएलएक्स पर चोरी की गाड़ियों की खरीद-बिक्री का मामला जमशेदपुर : ओएलएक्स पर चोरी की गाड़ी खरीद-बिक्री करने के आरोप में गिरफ्तार बिरसानगर जोन-5 निवासी सुनील कुमार सिंह, बारीडीह के टिंकू दास, टेल्को कॉलोनी के विनय कुमार मिश्रा तथा भालुबासा बजरंग लाइन के मनीष कुमार अग्रवाल को गोलमुरी पुलिस ने जेल भेज दिया है. चारों […]
ओएलएक्स पर चोरी की गाड़ियों की खरीद-बिक्री का मामला
जमशेदपुर : ओएलएक्स पर चोरी की गाड़ी खरीद-बिक्री करने के आरोप में गिरफ्तार बिरसानगर जोन-5 निवासी सुनील कुमार सिंह, बारीडीह के टिंकू दास, टेल्को कॉलोनी के विनय कुमार मिश्रा तथा भालुबासा बजरंग लाइन के मनीष कुमार अग्रवाल को गोलमुरी पुलिस ने जेल भेज दिया है.
चारों के खिलाफ गोलमुरी थाना प्रभारी श्रीनिवास के बयान पर मामला दर्ज किया है. पूछताछ में सुनील कुमार ने पुलिस को बताया है कि गाड़ी बेचने के बाद कमीशन का पैसा बिहार के सारण जिला के आइसीआइसीआइ बैंक में अनिल कुमार प्रसाद, पंकज तिवारी और शिवपूजन सिंह को भेजा जाता था.
तीनों वर्ष 2015 में बेऊर जेल से छूटने के बाद सुनील कुमार सिंह के साथ मिलकर बिहार में चोरी की गयी गाड़ियों को शहर भेजते थे. सुनील गाड़ियों का फरजी दस्तावेज तैयार कर बेचता था. इस मामले में पुलिस अभी अपने स्तर से और भी जानकारियां तलाश कर रही है, ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके. साथ ही गिरोह से जुड़े अन्य लोग भी सामने आ सके.
चोरी की गाड़ी चांडिल व गोलमुरी में भी बेची है
सुनील ने बताया है कि बिहार से आयी चोरी की गाड़ी वर्ष 2015 में चांडिल के आदर्श कॉलोनी निवासी सुरेश कुमार (बीआर01पीबी-4407) को बेची है.
इसके अलावा एक अन्य बोलेरो (बीआर 27/6479) को उसने विनय के सहयोग से गोलमुरी आकाशदीप प्लाजा के पीछे रहने वाले शालिग्राम तिवारी को बेची है. उक्त बोलेरो अभी छोटा गोविंदुपर में कर्जदार के पास पड़ी है. पुलिस दोनों गाड़ियों को जब्त करने में जुट गयी है. पुलिस के अनुसार शीघ्र ही दोनों वाहनों को जब्त कर लिया जायेगा.
गिरोह के सदस्यों के नाम
कामता सिंह उर्फ अनिल कुमार प्रसाद (सीवान), शिव पूजन प्रसाद (छपरा), संजय सिंह (डोरंडा रांची), पंकज सिंह (छपरा), राज किशोर (छपरा), विनय कुमार मिश्रा उर्फ बाबू (टेल्को), टिंकू दास (बारीडीह), मनीष कुमार अग्रवाल (भालुबासा)
2013 में बेऊर जेल में तैयार हुआ नेटवर्क
जिला पुलिस ने सुनील कुमार सिंह को चोरी की गाड़ियां बेचने के आरोप में वर्ष 2011 में पकड़ा था. उसके साथियों के पास से 17 गाड़ियां बरामद की थीं. इस संबंध में बिरसानगर थाने में मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में सुनील कुमार सिंह को चोरी के एक मामले में रिमांड पर पटना के बेऊर जेल में ले जाया गया था.
वहीं सुनील की मुलाकात कामता सिंह उर्फ अनिल कुमार प्रसाद (सीवान), पंकज सिंह उर्फ पंकज तिवारी (छपरा) तथा शिव पूजन प्रसाद (छपरा) से हुई थी. वर्ष 2013 में जमानत मिलने के बाद वह बेऊर जेल से वापस शहर आ गया. वर्ष 2015 में बेऊर जेल में बंद उक्त तीनों को जमानत मिली और तीनों बिरसानगर सुनील कुमार के घर पहुंचे. तीनों ने सुनील को चोरी की गाड़ी बिहार से भेजने और उसे बेचने का सौदा किया था.
टिंकू ढाई से तीन हजार में तैयार करता था पेपर
टिंकू ने पुलिस को बताया है कि वह एसडीओ कोर्ट में आधारकार्ड व मतदाता पहचान पत्र, गाड़ी का इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन कमीशन लेकर बनवाता है. इसी दौरान उसकी पहचान सुनील, विनय कुमार,जीत्ते से हुई. तीनों ने उसे फरजी कागजात बनाने का प्रलोभन दिया. रुपये कमाने के चक्कर में वह मनीष अग्रवाल के साथ मिलकर फरजी कागजात तैयार कराने लगा.
एक गाड़ी का पेपर बनवाने के एवज में टिंकू ढाई से तीन हजार रुपये लेता था और मनीष को एक हजार रुपये देता था. सिविल में बाइक पर बैठकर पीछा करती थी पुलिस : पुलिस सूत्रों के मुताबिक चारपहिया वाहन चोर की गिरफ्तारी और चोरी के गाड़ियों को छुपाने का अड्डा जानने के लिए पुलिस के अधिकारी चोर गिरोह के सदस्यों का बाइक से पीछा करते थे. दो दिन तक गिरोह के सदस्यों का पीछा कर उनके अड्डे की जानकारी पुलिस ने ली.
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