जमशेदपुर: सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाये गये धार्मिक स्थलों को हटाया जायेगा. उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने सभी अंचलाधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बने धार्मिक स्थलों की सूची अौर कितने दिन में उसे खाली करा लिया जायेगा इसकी रिपोर्ट मांगी है.
सार्वजनिक स्थलों पर जमीन अतिक्रमण कर धार्मिक स्थल बनाने तथा उससे यातायात अवरुद्ध होने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में वर्ष 2006 में याचिका (एसएलपी 8519/2006, भारत सरकार बनाम गुजरात एवं अन्य) दायर की गयी थी. दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों से जवाब मांगा था. इस पर मुख्य सचिव द्वारा शपथ पत्र दायर किया गया था.
सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश में कहा था कि सार्वजनिक स्थल का अतिक्रमण कर धार्मिक ढांचा खड़ा कर दिये जाते हैं, जिससे आवागमन की समस्या होती है अौर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की आशंका को देखते हुए अतिक्रमण कर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है, जिसके कारण इस तरह की प्रवृति को बढ़ावा मिल रहा है. सर्वोच्च न्यायालय ने धार्मिक संस्थान को अतिक्रमण मुक्त करने के साथ-साथ पुराने धार्मिक संस्थान जो अतिक्रमणमुक्त नहीं किये जा सकते हैं. उसके स्थान परिवर्तन करने या यातायात की समस्या नहीं बनने वाले को नियमित करने का भी निर्देश दिया था.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार वर्ष 2010 में उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी थी, जिसमें सरकार को रिपोर्ट भेजी थी. सरकार से नये सिरे से रिपोर्ट की मांग किये जाने के बाद उपायुक्त ने सभी अंचलाधिकारियों से सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर बने धार्मिक स्थलों की सूची देने की मांग की है.