जमशेदपुरः मनोरंजन प्रसाद( काल्पनिक नाम) पेशे से शिक्षक हैं. उनके बच्चे(एक बेटा-एक बेटी) बेंगलुरू में इंजीनियरिंग कर रहे हैं. साथ ही साढ़ू का हर्ट का ऑपरेशन बेंगलुरू स्थित नारायण हृदयालय में था.
गरमी छुट्टी में बच्चों से भेंट कर लेने तथा साढ़ु के ऑपरेशन में उपस्थित रहने की बात सोच कर चार माह पूर्व ट्रेन का रिजर्वेशन कराया था. इस बीच मतदाता पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ की ड्यूटी लग गयी और बच्चों से भेंट करने तथा साढ़ू के ऑपरेशन में जाना संभव नहीं हो सका और टिकट का रिजर्वेशन रद कराना पड़ा. यह दर्द सिर्फ एक शिक्षक का नहीं है बल्कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगे जिले के सैकड़ों शिक्षकों का है. किसी को नजदीकी रिश्तेदार की शादी मंे जाना था तो किसी को बीमार रिश्तेदार को देखने, लेकिन हर गरमी छुट्टी की तरह इस गरमी छुट्टी में मतदाता पुनरीक्षण कार्य शुरू होने के कारण शिक्षक तो शिक्षक उनके बच्चे और पत्नी भी बाहर नहीं जा पा रहे हैं. एक महिला शिक्षक ने बताया कि पड़ोस के बच्चे गरमी छुट्टी मनाने के लिए बाहर गये हुए हैं.बीएलओ ड्यूटी मिलने के कारण वह और उनके पति बच्चों को लेकर बाहर नहीं जा सकते.
साथी बच्चों को बाहर जाता देख बच्चे पूछते हैं कि वे कब बाहर जायेंगे.गरमी छुट्टी की तरह दुर्गापूजा के दौरान(अक्तूबर-नवंबर) में मतदाता पुनरीक्षण कार्य होने के कारण बाहर नहीं जा पाये थे.हालांकि महिला टीचर का यह भी कहना है कि मतदाता पुनरीक्षण का कार्य जिम्मेवारी का है और यह काम टीचर ही बेहतर कर सकते हैं इसलिए उन्हीं लोगों से कराया जाता है.
डयूटी है तो करनी है: शिक्षक
शिक्षक के अनुसार बच्चों से नहीं मिल पाने और साढ़ू के ऑपरेशन में शामिल नहीं होने का दुख तो है, लेकिन ड्यूटी है तो करनी ही है. सरकार का जो आदेश है उसका पालन तो करना ही है.
पति को छोड़ कर कैसे जा सकती हूं: पत्नी
शिक्षक की पत्नी के अनुसार गरमी छुट्टी में बच्चों से मिलने के लिए जाना चार माह पूर्व तय हुआ था.
मई माह में पति के बीएलओ की डयूटी लग गयी और बच्चों से मिलने जाना कैंसिल पड़ा. तय कार्यक्रम कैंसिल होने पर बुरा तो लगा, लेकिन पति की डयूटी है और पति को छोड़ कर कैसे जा सकती हैं.