एक ही बच्चे ने लिया दो बार जन्म फ्लैग:::जन्म प्रमाण पत्र की जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर शहर के निजी स्कूलों में एडमिशन की दौड़ शुरू हो गयी है. लॉटरी में नाम आने के बाद सोमवार को अभिभावकों को सर्टिफिकेट जांच के लिए बुलाया गया था. इस जांच के दौरान कई अजीबो-गरीब बातें निकल कर सामने आयीं. संत मेरीज इंगलिश स्कूल में एक बच्चे ने पिछले साल भी आवेदन किया था. इस आवेदन में बच्चे का बर्थ प्लेस मरसी हॉस्पिटल दिखाया गया था. लेकिन, पिछले साल उक्त बच्चे का नाम लॉटरी में नहीं आने की वजह से दाखिला नहीं हो पाया था. एक साल के बाद उसी बच्चे के अभिभावक ने संत मेरीज इंगलिश स्कूल में फिर आवेदन किया. इस बार लॉटरी में नाम तो निकला, लेकिन सर्टिफिकेट में अजीबोगरीब हेरफेर सामने आया. बच्चे की उम्र स्कूल प्रबंधन द्वारा तय की गयी उम्र सीमा से ज्यादा न हो, इसके लिए अभिभावक ने इस बार उसी बच्चे का जन्म स्थान एमजीएम अस्पताल दिखाया अौर ओरिजनल जन्म से एक साल बाद का जन्म दिखा कर एक नया बर्थ सर्टिफिकेट बनाया. इसका खुलासा तब हुआ जब स्कूल प्रबंधन की अोर से सारे फॉर्म की स्क्रूटनी की गयी. ——फर्जी सर्टिफिकेट से एडमिशन लेने वाले की दावेदारी होगी रद लॉटरी में नाम निकलने के बाद शहर के निजी स्कूलों की अोर से सारे अभिभावकों को बुलाया जा रहा है. उनके सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है. इस जांच में गलत तरीके से सर्टिफिकेट बनाये जाने की बात अगर निकल कर सामने आती है, तो इस तरह के बच्चों का एडमिशन रद्द कर दिया जायेगा. यह निर्णय शहर के अनएेडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने लिया है. ——फर्जी सर्टिफिकेट मिलने की जानकारी डीसी को देंगे : प्रिंसिपल शहर के निजी स्कूलों में गलत तरीके से सर्टिफकेट बना कर एडमिशन लेने के मामले में संत मेरीज इंगलिश स्कूल के प्रिंसिपल फादर डेविड विन्सेंट ने कहा कि यह क्राइम है. इससे न सिर्फ अभिभावक गलत तरीके से एडमिशन ले रहे हैं, बल्कि अगर वह बच्चा भविष्य में कोई सरकारी नौकरी भी करता है तो वह उक्त गलत सर्टिफिकेट की वजह से एक साल तक वह सरकार का ज्यादा पैसा लेगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के सर्टिफिकेट को देखने के लिए वे डीसी के पास भेजेंगे, ताकि इस मामले में कोई कार्रवाई हो सके. ——-पिछले साल के आवेदन अौर इस साल के आवेदन का हो रहा है मिलान शहर के निजी स्कूलों में कोई गलत सर्टिफिकेट से एडमिशन न ले इसके लिए स्कूल प्रबंधन की अोर से एेेसे बच्चे जिन्होंने पिछले साल भी आवेदन किया था, उनका एक डेटा बेस तैयार किया गया है. इसके साथ ही इस साल आवेदन करने वाले उसी बच्चे के डेटा बेस से उसका मिलान किया जा रहा है. कंप्यूटर में बच्चे के नाम, माता-पिता का नाम डालने से ही यह साफ हो रहा है कि पिछले साल उन्होंने आवेदन किया था या नहीं, अौर अगर अावेदन किया था तो उस वक्त के सर्टिफिकेट अौर अभी के सर्टिफिकेट में क्या अंतर है. ——बच्चे अौर अभिभावकों के साथ हुआ इंट्रैक्शन शहर के कई प्रतिष्ठित स्कूलों में सोमवार को बच्चे, अभिभावक अौर प्रिंसिपल के साथ इंट्रैक्शन हुआ. इसमें प्रिंसिपल ने अभिभावकों से कुछ बेसिक सवाल किये. जिसके बाद उन्हें एडमिशन के लिए आने की तिथि की जानकारी दी गयी.
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