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कोर्ट परिसर में भटकने वालों को फटकार
जमशेदपुर : जमशेदपुर कोर्ट में असामाजिक तत्वों की ओर से हंगामा के अफवाह पर एसएसपी के आदेश पर सोमवार कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की गयी. इस दौरान सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी, डीएसपी हेडक्वार्टर-1 केएन मिश्रा , साकची थाना प्रभारी अंजनी कुमार तिवारी, सीतारामडेरा पुलिस पहुंची थी. डीसएपी ने सबसे पहले कोर्ट हाजत […]
जमशेदपुर : जमशेदपुर कोर्ट में असामाजिक तत्वों की ओर से हंगामा के अफवाह पर एसएसपी के आदेश पर सोमवार कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की गयी. इस दौरान सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी, डीएसपी हेडक्वार्टर-1 केएन मिश्रा , साकची थाना प्रभारी अंजनी कुमार तिवारी, सीतारामडेरा पुलिस पहुंची थी. डीसएपी ने सबसे पहले कोर्ट हाजत की जांच की और वहां तैनात पुलिस कर्मी से पूछताछ की. वहीं हाजत के पास बेमतलब भटकने वालों को पुलिस ने फटकार लगायी. इस दौरान अपनी ड्यूटी से गायब रहने वालों को फटकार लगायी गयी. वहां तैनात पुलिस कर्मियों को नियमित रूप से जांच करने का आदेश दिया.
“कोर्ट परिसर की सुरक्षा की जांच का जायजा लेने के लिए टीम बना कर औचक निरीक्षण किया गया. यह एक प्रकार से रूटीन निरीक्षण भी है. जांच में किसी तरह की खामियां नहीं पायी गयी. – केएन चौधरी, डीएसपी, हेड क्वार्टर- 1
चार मामलाें में अमलेश की पेशी
जमशेदपुर. सोमवार को चार अलग-अलग मामले में अमलेश सिंह कोर्ट में पेश हुआ. अमलेश सिंह के अधिवक्ताओं ने सभी मामलों में आरोप मुक्त कराने के लिए संबंधित कोर्ट में अर्जी दी है. इस संबंध में अमलेश सिंह के अधिवक्ता रंजनधारी सिंह और ममता सिंह ने बताया कि एमजीएम अस्पताल के कैदी वार्ड से भागने व अस्पताल के कैदी वार्ड से सिम और मोबाइल प्राप्त होने के संबंध में सीजेएम की कोर्ट में अमलेश को पेश किया गया. कोर्ट में डिस्चार्ज के लिए पीटिशन अर्जी दी गयी है. आशीष डे के मकान पर फायरिंग मामले में पेशी हुई. सभी मामलों में कोर्ट में अलग अलग सुनवाई की तिथि तय की है.
गबन के आरोपी की जमानत खारिज
जमशेदपुर. जिला जज एसएच काजमी ने सोमवार को गोलमुरी के फिरोज अहमद के मकान का फर्जी पेपर बना कर 51 लाख रुपये में बेचने के आरोपी शेख आरिफ की जमानत खारिज कर दी. इस संबंध में फिरोज अहमद ने गोलमुरी थाना में 24 मार्च 2015 को केस दर्ज कराया था.
मानगो : जानलेवा हमला के आरोपी बरी
जमशेदपुर : मानगो के आबिक चौधरी पर जानलेवा हमला करने के आरोपी राधा रमन गौड़ उर्फ लालू, अमित गौड़, अरुण बर्मन व डब्बू गोप को एडीजे-8 की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इस संबंध में आबिक चौधरी ने मानगो थाना में सभी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. मामला 5 दिसंबर 2008 की है.
चार माह से बेड़ियों में जकड़े हैं दशरथ महतो
कल्पना कीजिये उस व्यक्ति का जीवन कैसा होगा जो दिन रात हाथ-पांव में बेड़ियों से जकड़ा है, बंदिश में जी रहा है. ऐसा किसी और ने नहीं, बल्कि उस व्यक्ति के खुद के परिवार वालों ने ही किया. आखिरकार परिवार वालों ने क्यों उठाया ऐसा कदम जब अपने ही किसी को सजा देकर खुद सजा झेल रहे है.
दिलीप पोद्दार
पटमदा : बोड़ाम के बरियादा गांव निवासी32 वर्षीय दशरथ महतो उर्फ तुरांग को उसकी धर्म पत्नी नेहोरी महतार्इन व जन्म देने वाले पिता रोशन महतो ने पिछले चार माह से बेड़ियों में जकड़ रखा है.
दशरथ महतो के हाथ व पैर दोनों में बेड़ियां लगायी गयी हैं. बरियादा गांव के मैट्रिक पास दशरथ महतो के हाथ व पैर में बेड़ी लगाने से वे अब काबू में हो गये हैं. दशरथ का पत्नी समेत आठ साल का एक बेटा व साढ़े छह साल का एक बेटी भी है. बोड़ियों से जकड़े दशरथ सोमवार को पटमदा बोड़ाम मुख्य सड़क पर टहल रहे थे, तभी गांव की एक महिला ने दशरथ को सड़क से हट जाने व घर लौटने को कहा, ताकि दशरथ किसी गाड़ी के चपेट में ना आ जाये.
पति की दिमागी हालत ठीक नहीं है : नेहोरी
बेड़ियों से जकड़े दशरथ की धर्मपत्नी नेहोरी महताइन ने बताया कि मेरे पति की दिमागी हालत ठीक नहीं है. दशरथ घर समेत पूरे गांव में उत्पात मचाते हैं. अपने घर व गांव के लोगों के साथ भी मारपीट भी करते हैं.
इस मामले में मेरे ससुर व पिता ने बंगाल ले जाकर दशरथ का इलाज भी करवाया, पर ठीक नहीं हुआ. आर्थिक स्थिति से कमजोर होने के कारण दशरथ का इलाज कराने में हम परिवार वाले असमर्थ है. मेरे परिवार का खर्च व बच्चों का पठन-पाठन दशरथ के ससुर सह मेरे पिता उठाते हैं. दशरथ पढ़ा लिखा युवक है. अगर सरकार इसका इलाज का खर्च उठाये, तो ठीक हो सकता है. दशरथ का बड़ा भार्इ रंगलाल महतो भी (गूंगा) है, जो बोल व सुन नहीं पाते हैं.
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