शो के लिए तैयार हो रहे डॉग शहर में नौ और दस जनवरी को डॉग शो होने जा रहा है. इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी अपने-अपने डॉग को ट्रेंड करने में लगे हैं. अलग-अलग ब्रीड के डॉग को कैनल में दौड़ना, साइकिलिंग, पहाड़ पर चढ़ना-उतरना, बॉल लेकर आना, स्वीमिंग व जंपिंग आदि सिखा रहे हैं. डॉग शो की तैयारियों पर पेश है लाइफ @ जमशेदपुर की यह रिपोर्ट…————सोमनाथ घोष व अनामित्रा दत्ताबिष्टुपुर के सोमनाथ घोष और सोनारी वेस्ट लेआउट के अनामित्रा दत्ता वर्ष 1996 से डॉग शो में संयुक्त रूप से भाग ले रहे हैं. सोमनाथ बिजनसमैन हैं, तो अनामित्रा पेशे से शिक्षक. दोनों रोजाना डॉग को ट्रेंड कर रहे हैं.ये ब्रीड ले रहे हैं भाग : अनामित्रा बताते हैं कि दोनों की तरफ से इस बार पांच ब्रीड के डॉग उतारे जायेंगे. इनमें मारक्विस (मेल) और मरिस्का (फीमेल) जर्मन शेफर्ड ब्रीड के डॉग हैं. वहीं, इसमें शामिल लेब्राडोर ब्रीड की काली डॉग को ये लोग प्यार से चार्मिंग गर्ल पुकारते हैं. हेजल का रंग सफेद है. यह गोल्डन रीट्रीवर ब्रीड से आते हैं. एक अन्य स्टार डॉग डॉबरमैन ब्रीड की है. स्टार को ये लोग घर पर ही रखते हैं. जबकि मारक्विस, मरिस्का, चार्मिंग गर्ल और हेजल अपने कैनल में रहते हैं. सोमनाथ बताते हैं कि डिमना लेक के पास उनका कैनल है. यहां ट्रेनिंग के लिए अलग से यार्ड बना है. अनामित्रा के मुताबिक वे रोज दोपहर में रिंग में पहले डॉग को बॉल पकड़ना सिखाते हैं. दूर के बॉल को किस तरह से पकड़ना है और उसे मुंह में दबोच कर किस तरह से पास लाना है, इसका अभ्यास कराया जाता है. बॉल को हवा में उछाल कर जंपिंग करना सिखाते हैं. इशारे पर उठना-बैठना सिखाया जाता है. शो मैनर और शो ट्रेनिंग भी दी जाती है, ताकि जज के सामने डॉग बदतमीजी न करें. उन्होंने बताया कि कैनल में ही स्वीमिंग पुल बना है. इसमें डॉग को तैरना सिखाया जाता है.कई बार रहे विजेता : डॉग शो में शहर के बाहर से भी कई प्रतिभागी आते हैं. सोमनाथ बताते हैं कि पिछले साल उनका जर्मन शेफर्ड अव्वल रहा. वर्ष 2011 में जर्मन शेफर्ड ब्रीड का कोंचिता ऑफ लायन आर्ट डॉग भी जीता था. सोमनाथ भुवनेश्वर, कोलकाता और नागपुर के शो में भी भाग लेते हैं. भुवनेश्वर और कोलकाता में तो प्राइज भी जीता है.करनी पड़ती है हिफाजत : डॉग की ट्रेनिंग वर्षभर चलती है. इसके लिए डॉग को काफी हिफाजत से रखा जाता है. अनामित्रा बताते हैं कि डॉग को दिन में एक बार मटन या चिकन राइस दिया जाता है. रात में डॉग फूड दिया जाता है. स्वस्थ रहने के लिए विटामिन दिया जाता है. वहीं, रोज ग्रूमिंग भी करनी होती है. बालों को संवारना, शैंपू से नहलाना, ड्राय दिखने पर ऑयल स्प्रे करना, यह सब चलता रहता है. ऑयल स्प्रे करने पर अगले दिन शैंपू करना पड़ता है.——————रूपा प्रसादआमबागान साकची की रूपा प्रसाद कोई 25 साल से डॉग लाइन में हैं. पिछले चार साल से शो में भाग ले रही हैं. वह जमशेदपुर के अलावा भुवनेश्वर डॉग शो में भी भाग लेती हैं. यहां वह जीती भी हैं.ओबिडियंस व ब्रीड कैटेगरी में दिखेगा जलवा : उनका डॉग ओबिडियंस और ब्रीड कैटेगरी में भाग लेता है. वह बताती हैं कि वर्ष 2014 में जमशेदपुर में आयोजित एफसीआइ शो में उनका डॉग दूसरे स्थान पर रहा. भुवनेश्वर शो में ओबिडियंस कैटेगरी में उनका डॉग तीसरे स्थान पर रहा.ये डॉग लेंगे भाग : इस बार वह जर्मन शेफर्ड ब्रीड का डेविल डॉग, लेब्राडोर ब्रीड में रेंचो (मेल) और एनी (फीमेल) को उतार रही हैं. डेविल और एनी ब्रीड कैटेगरी में हिस्सा लेंगे. रेंचो ब्रीड और ओबिडियंश दोनों ही कैटेगरी में भाग लेगा. रूपा बताती हैं कि ब्रीड में डॉग की फिटनेस, खूबसूरती, स्टेमिना व दांतों की बनावट आदि देखे जाते हैं. लेब्राडोर की टेल सीधी होनी चाहिए, जबकि जर्मन शेफर्ड की टेल जमीन से सटी होनी चाहिए. इस तरह होती है ट्रेनिंग : वह सुबह पांच से सात बजे तक डॉग को रोज वॉक कराती हैं. शाम में दो घंटा रिंग में खुला छोड़ती हैं. इसके बाद ट्रेनिंग शुरू होती है. ट्रेनिंग के लिए ट्रेनर आते हैं. वह बताती हैं कि ट्रेनिंग सालोंभर चलती है. शो के लिए एक-दो महीने में डॉग तैयार नहीं हो सकता. ट्रेनिंग के दौरान खड़े होने, दौड़ने की स्टाइल, बॉल कैच करना, पंजे को ठीक तरह से जमीन पर गिराना आदि सिखाया जाता है.खानेपीने पर ध्यान : स्वस्थ रहने के लिए वह डॉग को न्यूट्रीशियश फूड देती हैं. चिकन-चावल, अंडा-रोटी, ताजा छेना डॉग के मेन्यू में शामिल है. गर्मी में दही और इलेक्ट्रॉल पाउडर भी देती हैं. इसके अलावा निश्चित समय पर टीका भी लगवाती हैं.—————-विश्वजीत हाजराबाराद्वारी के विश्वजीत हाजरा वर्ष 1992 से शो में लगातार अपना डॉग भेज रहे हैं. वह जमशेदपुर के अलावा लखनऊ, कानपुर, कोलकाता व भुवनेश्वर भी डॉग ले जाते हैं.पहली बार उतरेगा अफगान हाउंड : हाजरा डॉग शो में पहली बार अफगान हाउंड उतार रहे हैं. वह बताते हैं कि उनका अफगान हाउंड दस महीने का है. इसे केरल से मंगवाया गया है. इस शो में लोगों को यह अलग ब्रीड का डॉग दिखेगा. इसके बाल लंबे और काफी चमकीले होते हैं. इस डॉग शो में लासा एस्पो भी आकर्षण का केंद्र रहेगा. यह तिब्बतियन मूल का डॉग है. हाजरा बताते हैं कि वह शो में लासा एस्पो मेल और फीमेल दोनों उतार रहे हैं.अपने कैनल में होती है ट्रेनिंग : हाजरा डॉग को अपने कैनल में ही ट्रेनिंग देते हैं. वह डॉग को रिंग प्रैक्टिस करवाते हैं. फीजिकल एक्सरसाइज होता है. वह ग्रूमिंग का भी ख्याल रखते हैं.———-अमित कुमारबिष्टुपुर के अमित कुमार को डॉग शो का कम अनुभव है. वह वर्ष 2014 से ही इसमें अपना डॉग भेज रहे हैं. वह ब्रीड कैटेगरी में ही डॉग को भेजते हैं. इस बार लेब्राडोर और पग ब्रीड के डॉग शो में उतार रहे हैं. वह बताते हैं कि डॉग का बॉडी शेप अच्छा रहे, इसलिए शो से पहले डाइट थोड़ा कम देते हैं. यह काम नवंबर से शुरू हो जाता है. उनके डॉग को ट्रेंड करने ट्रेनर आते हैं.
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शो के लिए तैयार हो रहे डॉग
शो के लिए तैयार हो रहे डॉग शहर में नौ और दस जनवरी को डॉग शो होने जा रहा है. इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी अपने-अपने डॉग को ट्रेंड करने में लगे हैं. अलग-अलग ब्रीड के डॉग को कैनल में दौड़ना, साइकिलिंग, पहाड़ पर चढ़ना-उतरना, बॉल लेकर आना, स्वीमिंग […]
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