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रघुवर एसआइटी गठित करें हम सबूत देंगे : मरांडी

रघुवर एसआइटी गठित करें हम सबूत देंगे : मरांडी – मुख्यमंत्री बतायें प्रभात खबर में जो दो नंबर छपा वह किसका- गलती अधिकारी ने की है तो उसे दंडित करें, स्वयं क्यों डर रहे हैं सीएम- मुझसे सबूत मांग रहे हैं तो मेरी नोर्टिफिकेशन कर दें- फिर हम साबित कर देंगे अौर रघुवर को इस्तीफा […]

रघुवर एसआइटी गठित करें हम सबूत देंगे : मरांडी – मुख्यमंत्री बतायें प्रभात खबर में जो दो नंबर छपा वह किसका- गलती अधिकारी ने की है तो उसे दंडित करें, स्वयं क्यों डर रहे हैं सीएम- मुझसे सबूत मांग रहे हैं तो मेरी नोर्टिफिकेशन कर दें- फिर हम साबित कर देंगे अौर रघुवर को इस्तीफा दे देना पड़ेगावरीय संवाददाता, जमशेदपुरझाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि फोन टेपिंग मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास हाइकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित करें, वह एसआइटी को सबूत देने के लिए तैयार हैं. श्री मरांडी जमशेदपुर परिसदन में पत्रकारों से बातचीत में बोल रहे थे. श्री मरांडी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि उनके तीन हजार लोगों के फोन टेप होने के आरोप को मुख्यमंत्री ने बेतुका अौर 24 घंटे में आरोप सिद्ध करें, नहीं तो जनता से माफी मांगने की बात कही है. श्री मरांडी ने कहा कि फोन टेपिंग राज्य का बड़ा मुद्दा है. यह आम लोगों की स्वतंत्रता के हनन का मुद्दा है. नेता, पत्रकार, वकील, ठेकेदार, व्यवसायी जैसे लोगों के फोन टेप कर लोगों की निजता को हनन करने का प्रयास किया गया है. श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिये कि किस उद्देश्य से किसके आदेश से लगभग तीन हजार लोगों का फोन टेप किया गया. उन्हें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार इसमें सत्ताधारी दल के लोग भी शामिल हैं, जिनका फोन टेप किया गया है. श्री मरांडी ने कहा कि देश या राज्य को किसी प्रकार का खतरा होने पर फोन टेप किया जाता है अौर उसके नियम हैं. गृह सचिव को पत्र लिख कर पूरी प्रक्रिया अपना कर फोन टेप किया जाता है. दो माह में मुख्य सचिव के नेतृत्व में उसकी समीक्षा होती है. श्री मरांडी ने कहा कि प्रभात खबर में जो दो नंबर छपा है, मुख्यमंत्री बतायें कि वह किसका है. वे सिर्फ अखबार में छपे समाचार के आधार पर यह बात नहीं बोल रहे हैं, बल्कि खबर छपने के बाद उन्होंने इसकी तहकीकात की. पता चला कि लगभग तीन हजार लोगों का फोन टेप किया गया है. इस राज्य में केंद्रीय एजेंसी भी सुरक्षित नहीं है. श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी अध्यक्षता में कमेटी गठन का नोर्टिफिकेशन कर दें. उस कमेटी में जिसे रखना है रखें, वे आरोप को साबित कर देंगे अौर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा. कई अधिकारियों को जेल जाना पड़ेगा. श्री मरांडी ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से मिल कर एसआइटी से इसकी जांच कराने की मांग की है. श्री मरांडी ने कहा कि वह हवा में कोई बात नहीं बोलते हैं, इससे पहले डॉ इंतेजार अली के मामले को उठाया था अौर उसकी सच्चाई सामने आयी. श्री मरांडी ने कहा कि फोन टैप कर गलती पुलिस के अधिकारियों ने की है, तो मुख्यमंत्री की इसकी जांच करानी चाहिये. दोषी पदाधिकारी जेल जायेंगे, मुख्यमंत्री जांच से क्यों डर रहे हैं.

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