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दसवीं में बोर्ड परीक्षा हो सकती है अनिवार्य

दसवीं में बोर्ड परीक्षा हो सकती है अनिवार्यफ्लैग::: सीबीएसइ की गवर्निंग बॉडी की बैठक में उठा मुद्दा, नयी शिक्षा नीति के आने के बाद लिया जायेगा अंतिम निर्णयलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर देश का सबसे बड़ा एजुकेशन बोर्ड सीबीएसइ अगले सत्र से फिर से दसवीं की परीक्षा को बोर्ड परीक्षा के रूप में अनिवार्य करने पर […]

दसवीं में बोर्ड परीक्षा हो सकती है अनिवार्यफ्लैग::: सीबीएसइ की गवर्निंग बॉडी की बैठक में उठा मुद्दा, नयी शिक्षा नीति के आने के बाद लिया जायेगा अंतिम निर्णयलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर देश का सबसे बड़ा एजुकेशन बोर्ड सीबीएसइ अगले सत्र से फिर से दसवीं की परीक्षा को बोर्ड परीक्षा के रूप में अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है. पिछले हफ्ते सीबीएसइ की गवर्निंग बॉडी की बैठक में यह मुद्दा छाया रहा. गवर्निंग बॉडी के कई सदस्यों ने अनिवार्य बोर्ड परीक्षा को लागू करने की वकालत की. सदस्यों ने 2011 की पूर्व प्रक्रिया को बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि आम धारणा यह बनती जा रही है कि सीसीइ में बच्चों का आकलन बहुत ही सुविधाजनक तरीके से किया जा रहा है.नौवीं-दसवीं में छात्र नहीं देते पढ़ाई पर ध्यान गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) ने चार वर्ष पूर्व छात्राें को बोर्ड परीक्षा की जगह दसवीं में स्कूल स्तर पर किये जाने वाले निरंतर व व्यापक आकलन (कंटीन्यूअस एंड कंप्रिहेंसिव असेसमेंट, सीसीइ) के विकल्प को चुनने का मौका दिया था. सीबीएसइ ने सीसीइ की प्रणाली को उस समय अपनाया था, जब अधिकांश राज्य सरकारें आरटीइ के तहत क्लास आठ तक बच्चों को फेल नहीं करने के नियम का विरोध कर रहे थे. एजेंडे में शामिल नहीं था मुद्दा, फिर भी हुई चर्चा सूत्रों के अनुसार, पिछले हफ्ते हुई बैठक में गवर्निंग बॉडी के सदस्य केपी गोपालकृष्णा ने इस मुद्दे को सबसे पहले उठाया. उन्होंने कहा कि छात्र इस प्रणाली के कारण नौवीं और दसवीं को गंभीरता से नहीं ले रहे, क्योंकि उन्हें बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होना हाेता है. उन्होंने 42 सदस्यीय इस बॉडी को इस बारे में जल्द निर्णय लेने की अपील की. यह मुद्दा बैठक के एजेंडा में नहीं था, लेकिन फिर भी इसे महत्वपूर्ण मानते हुए बैठक में इस पर चर्चा की गयी. यदि बोर्ड इस बारे में वर्ष 2017 के संदर्भ में कोई फैसला लेता है, तो उसे मार्च 2016 तक इसे अंतिम रूप देना अनिवार्य होगा.गंभीरता से होगा विचार : शेषु मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहायक सचिव वाइएसके शेषु कुमार जो सीबीएसइ चेयरमैन के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं, ने कहा कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जायेगा. सीबीएसइ सूत्रों के अनुसार, इस बारे में कोई भी निर्णय एचआरडी मंत्रालय द्वारा तैयार की जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद ही लेना संभव होगा. आरटीइ के प्रावधानों में संशोधन को लेकर भी निर्णय 2016 के शुरू में आने जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बाद ही संभव होगा. क्या है सीसीइवर्तमान में सीबीएसइ के 10वीं के बच्चों के आकलन के लिए सीसीइ परीक्षा प्रणाली अपनायी जा रही है. इसके तहत स्कूल एक एकेडमिक वर्ष में चार रचनात्मक (फॉरमेटिव) और दो योगात्मक (सममेटिव) आकलन करते हैं. रचनात्मक आकलन : इसके तहत 40 फीसदी अंक होते हैं. यह उन बच्चों के लिए भी विकल्प के तौर पर मौजूद हैं, जो बोर्ड परीक्षा में बैठ रहे होते हैं. स्कूल क्विज, डिबेट और प्रोजेक्ट के जरिये इसका आकलन करते हैं.योगात्मक आकलन : इसके तहत 60 फीसदी अंक होते हैं, जिसके तहत पढ़े गये विषयों की लिखित परीक्षा ली जानी होती है. सीसीइ प्रणाली में स्कूल इस परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार करते हैं, उत्तर पुस्तिका की जांच भी करते हैं और छात्रों को आये नंबर बोर्ड को भेज दिये जाते हैं.

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