जमशेदपुर: अॉनलाइन फार्मेसी काराेबार के विराेध में अॉल इंडिया केमिस्ट एसाेसिएशन के आह्वान पर बुधवार काे जमशेदपुर की लगभग 900 दवा दुकान बंद रही. जमशेदपुर के दवा दुकानदारों काे पैथाेलाेजी लैब वालाें का पूरा समर्थन मिला. उन्होंने भी लैब बंद रखा. जमशेदपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसाेसिएशन के आह्वान पर दवा दुकानाें काे बंद कराने के लिए एसाेसिएशन के लाेगाें काे सड़काें पर नहीं उतरना पड़ा. जमशेदपुर में दवा दुकानें बंद हाेने से करीब 50 कराेड़ का काराेबार प्रभावित हुआ.
दुकानदारों ने की बैठक : शहर के दवा दुकानदारों ने साकची कावंटिया मेडिकल के पास बैठक की. इस दौरान राज्य व देशभर में चले आंदोलन पर चर्चा की गयी. बैठक में पूर्व अध्यक्ष कमल अग्रवाल, पंकज छावड़ा, आशीष चटर्जी, संजय कसेरा, सुल्तान अख्तर, भाेलानाथ चाैधरी समेत काफी दुकानदार माैजूद थे.
जमशेदपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसाेसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कमल अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से ऑनलाइन दवा बिक्री एक्ट में संशोधन से गुणवत्ता पर नियंत्रण नहीं रहेगा. लोग घर बैठे अपनी मनमुताबिक दवाएं मंगा लेंगे, जिसका नुकसान भी झेलना पड़ेगा. नकली और घटिया दवाओं की बिक्री बढ़ जायेगी. लोग नशीली दवाएं घर बैठे मंगा लेंगे. ऑनलाइन दवा बिक्री का सीधा नुकसान दवा दुकानदाराें काे झेलना होगा. नियम है कि बिना डॉक्टर की परची के दवा दुकानदार दवा नहीं बेचेंगे. एेसे में ऑनलाइन दवा की खरीदारी कैसे होगी. कुछ कंपनियाें ने मरीजाें से डॉक्टरी परची अपलाेड करने काे कहा है. सरकार ने डी फार्मा जैसे काेर्स के लिए छह साल सामुदायिक फार्मेसी काेर्स के लिए अनुशंसा की है, जिसमें फार्मासिस्ट काे दवा वितरण, उसकी खुराक, प्रभाव एवं दुष्प्रभाव सेवाअाें के लिए जवाबदेह बनाया गया है.
बंदी का नहीं पड़ा खास असर
शहर की दवा दुकानें बंद रहने से शहर में कोई खास असर नहीं पड़ा. शहर के सभी प्रमुख अस्पताल (टीएमएच, ब्रह्मानंद, कांतिलाल, टिनप्लेट व टाटा मोटर्स) और नर्सिंग होम का अपना मेडिकल स्टोर होने के कारण मरीजों को दवा के लिए परेशानी नहीं हुई. हालांकि दवा दुकान बंद होने से संबंधी जानकारी नहीं होने के कारण कई मरीज व उनके परिजन भटकता रहे.