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‘श्रम आंकड़ा दुरुस्त करना जरूरी’

जमशेदपुर: देशहित में श्रम आंकड़ों को सही रूप से प्रेषित करना अनिवार्य है. यह उद्योग में सुधार समेत o्रमिक हित में निर्णय लेने में सहायक साबित होता है. उक्त बातें श्रम मंत्रलय (भारत सरकार) के सहायक निदेशक जेए खान ने कही. श्री खान गुरुवार को बिष्टुपुर स्थित सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स भवन में कोल्हान के […]

जमशेदपुर: देशहित में श्रम आंकड़ों को सही रूप से प्रेषित करना अनिवार्य है. यह उद्योग में सुधार समेत o्रमिक हित में निर्णय लेने में सहायक साबित होता है. उक्त बातें श्रम मंत्रलय (भारत सरकार) के सहायक निदेशक जेए खान ने कही. श्री खान गुरुवार को बिष्टुपुर स्थित सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स भवन में कोल्हान के उद्यमियों और व्यवसायियों के साथ बैठक में बोल रहे थे. बैठक में उपश्रमायुक्त एसएस पाठक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. श्रम कानून सुधार के तहत दो सत्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
बताया गया, कैसे प्राप्त होगा ऑनलाइन प्रमाणपत्र
प्रथम सत्र में झारखंड दुकान व प्रतिष्ठान अधिनियम के अंतर्गत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने का लाइव डेमो दिखाया गया. बताया गया कि चेंबर की मांग के तहत सभी दस्तावेज ऑनलाइन जमा करने की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. इसे डाउनलोड कर सर्टिफिकेट हासिल किया जा सकता है. चेंबर अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यो की तारीफ की.
विभिन्न कंपनी के प्रतिनिधि थे मौजूद : कार्यक्रम में स्वागत भाषण चेंबर के अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया और धन्यवाद ज्ञापन मानद महासचिव श्रवण कुमार काबरा ने किया. इस अवसर पर टाटा स्टील से पारुल सिंह, तान्वी, निर्मलय विश्वाल, टाटा मोटर्स से सुमित एस कुंडू, पीडी पाल, टिमकेन के निकेश कुमार, शशिकांत गिरि, टीजीएस से दीपांकर गुप्ता, संजय कुमार समेत अन्य मौजूद थे.
श्रम आंकड़ों के प्रेषण और गुणवत्ता में सुधार पर परिचर्चा
दूसरे सत्र में श्रम आंकड़ों के प्रेषण और गुणवत्ता में सुधार पर परिचर्चा हुई. इसमें मुख्य वक्ता श्रम मंत्रलय के सहायक निदेशक जेए खान और सहायक निदेशक डॉ देवेंद्र सिंह मौजूद थे. जेए खान ने बताया कि राज्य और भारत सरकार को विभिन्न तिथियों और विभिन्न फॉर्मेट में सूची प्रेषित करनी पड़ती है. इस सूचना के आधार पर श्रम विभाग आइएलओ को जानकारी देता है. इससे वीडीए सूचकांक निर्धारित होता है. इसके आधार पर राज्य सरकार औद्योगिक कामगारों की न्यूनतम मजदूरी तय करती है. दूसरे अन्य विभाग में भी उद्योग में प्रोडक्शन लॉस की जानकारी संबंधित विभाग को मिलती है.

इससे उद्योगों का सुधार कार्य संभव हो पाता है. उन्होंने मुख्य रूप से मजदूरी, वेतन की तिथि, वार्षिक बोनस, मातृत्व अवकाश, क्षतिपूर्ति जैसे प्रावधानों से सभी को जागरूक किया. इससे संबंधित सभी आंकड़े उपलब्ध कराने की मांग की. कार्यक्रम में डिप्टी चीफ फैक्टरी इंस्पेक्टर रतनलाल खेस, इंस्पेक्टर ऑफ फैक्टरी धीरेंद्र सिंह मुंडा मौजूद थे.

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