बिल्डिंग बाइलॉज के तहत फ्लोर एरिया रेसियो (एफएआर) का पूरा ख्याल रखने को कहा गया है. फ्लोर एरिया रेसियो के तहत बिल्डिंग बनाते समय कितनी जगह छोड़नी है. कितनी मंजिल बननी है और कितनी जमीन आगे पीछे छोड़ा जाना है, इसका प्रावधान है. 2.5 फ्लोर एरिया रेसियो जमशेदपुर में है. इस रेसियो के तहत ही सेट बैक को लेकर प्रावधान तय किया गया है.
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टाटा लीज एरिया: पुरानी बिल्डिंग भी बन सकेगी जी प्लस फोर
जमशेदपुर: टाटा लीज एरिया में ग्राउंड प्लस दो मंजिला के भवन की मंजूरी मिलने का पैमाना बदल चुका है. नये निर्देश के तहत टाटा लीज एरिया में पुराने भवनों को भी अपग्रेड करने के लिए लोग अपना आवेदन दे सकते हैं. ग्राउंड प्लस दो मंजिला भवन को चार मंजिला बनाया जा सकता है, बशर्ते जो […]
जमशेदपुर: टाटा लीज एरिया में ग्राउंड प्लस दो मंजिला के भवन की मंजूरी मिलने का पैमाना बदल चुका है. नये निर्देश के तहत टाटा लीज एरिया में पुराने भवनों को भी अपग्रेड करने के लिए लोग अपना आवेदन दे सकते हैं. ग्राउंड प्लस दो मंजिला भवन को चार मंजिला बनाया जा सकता है, बशर्ते जो बिल्डिंग है, वह बाइलॉज के तहत बनी हो.
यह होगी प्रक्रिया
पुरानी बिल्डिंग जो अब तक जी प्लस टू थी, उसको बढ़ाने के लिए पहले आवेदन देना होगा. फिर इसकी जांच करायी जायेगी. तैयार नक्शा से मिलान कराने के बाद इसको टाटा स्टील के पास भेजा जायेगा. टाटा स्टील का लैंड डिपार्टमेंट पूरे मामले को देखेगा और फिर उसको लेकर एनओसी देगा, जिसके आधार पर बिल्डिंग बनाने की इजाजत दी जायेगी. टाटा स्टील सारे प्रावधान का अनुपालन कराने के लिए अपनी मशीनरी को विकसित कर रही है.
पुरानी बिल्डिंग को बनाने में कोई दिक्कत नहीं : जेएनएसी
जेएनएसी के स्पेशल ऑफिसर दीपक सहाय ने बताया कि पुरानी बिल्डिंग को बनाने में कोई दिक्कत नहीं है. इसके लिए लोग अपना आवेदन दे सकते हैं. टाटा लीज एरिया में जो बिल्डिंग बाइलॉज है, उसके तहत ही बिल्डिंग को बनाने की इजाजत दी जायेगी. लेकिन, टाटा स्टील वर्तमान में जी प्लस फोर तक ही राजी है और उसी के तहत ही बिल्डिंग को तैयार कराया जायेगा. टाटा स्टील की रजामंदी के बाद ही नया प्रावधान तय किया गया है.
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