एमजीएम अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत का मामला उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर झामुमो जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन के नेतृत्व में रविवार को एमजीएम अस्पताल की लचर हो चुकी व्यवस्था के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराया. मृतका नारायणी देवी के परिजनों ने झामुमो जिला कमेटी को लिखित जानकारी देकर इंसाफ दिलाने में मदद मांगी थी.रामदास सोरेन ने कहा कि एमजीएम अस्पताल में आये दिन मरीजों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. अस्पताल में कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं है. नारायणी देवी के मामले में जब तक कार्रवाई नहीं होगी, लाश नहीं उठायी जायेगी. वहीं, अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने चार-पांच दिनों में जांच रिपोर्ट देने की बात कही है. इसके बाद झामुमो आगे की रणनीति तय करेगा. सोरेन ने कहा कि इस मामले में दोषी डॉक्टर की गिरफ्तारी हर हाल में होनी चाहिए. यह है मामलारामदास सोरेन ने बताया कि सोनाहातु मगनडीह निवासी बुकलाल अहीर की 21 वर्षीय पत्नी नारायणी देवी मायके ईचागढ़ आयी थी. वहां उसे प्रसव पीड़ा होने के बाद ईचागढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे 28 मई को एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया. एमजीएम में डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड कर बताया कि बच्चे की पेट में ही मौत हो चुकी है. एक बोतल खून लाया जाये, जिसके बाद ऑपरेशन किया जायेगा. 30 मई तक नारायणी देवी का ऑपरेशन नहीं किया किया, जिसके कारण उसकी मौत हो गयी. प्रतिनिधिमंडल मंे झामुमो नेता मोहन कर्मकार, श्यामल रंजन सरकार, महावीर मुर्मू, राज लकड़ा, गुरमीत सिंह गिल, मोहम्मद समद, मंगल कालिंदी, कालीपदो गोराई के अलावा अन्य काफी लोग थे.
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एमजीएम अस्पताल प्रबंधन को झामुमो का अल्टीमेटम (फोटो होगा मनमोहन 8 )
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