19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लाइफस्टाइल में बदलाव कर हाइपरटेंशन से बचें

डॉ. दया शंकर वर्मा, होमियोपैथिक डॉक्टर हाइपरटेंशन की बीमारी दो तरह की होती है. प्राइमरी हाइपरटेंशन व सेकेंडरी हाइपरटेंशन. प्राइमरी हाइपरटेंशन तनाव, कोलेस्ट्रोल में बढ़ोत्तरी, बढ़ती उम्र, खानपान में बदलाव व तैलिय पदार्थ का सेवन आदि कारणों से होती है. जबकि सेकेंडरी हाइपरटेंशन किडनी, हॉर्ट, लंग्स में गड़बड़ी के कारण होती है. इस बीमारी में […]

डॉ. दया शंकर वर्मा, होमियोपैथिक डॉक्टर हाइपरटेंशन की बीमारी दो तरह की होती है. प्राइमरी हाइपरटेंशन व सेकेंडरी हाइपरटेंशन. प्राइमरी हाइपरटेंशन तनाव, कोलेस्ट्रोल में बढ़ोत्तरी, बढ़ती उम्र, खानपान में बदलाव व तैलिय पदार्थ का सेवन आदि कारणों से होती है. जबकि सेकेंडरी हाइपरटेंशन किडनी, हॉर्ट, लंग्स में गड़बड़ी के कारण होती है. इस बीमारी में मरीज में सिर में दर्द, चक्कर का आना, उल्टी जैसा आभास होना, चिड़चिड़ापन, पसीना आना जैसे लक्षण दिखायी देते हैं. इस प्रकार के लक्षण दिखायी देते ही डॉक्टरी सलाह लें. अगर लाइफ स्टाइल को दुरुस्त और समयबद्ध किया जाये तो हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है. इस बीमारी से बचने के लिए तैलिय खाद्य पदार्थों से परहेज करें, भरपूर नींद लें, तनाव न लें और रेगुलर एक्सरसाइज करें.बीमारी : हाइपरटेंशनलक्षण : सिर में दर्द, चक्कर का आना, उल्टी जैसा आभास होना, चिड़चिड़ापन, पसीना आना.उपाय : हाइपरटेंशन के लक्षण दिखते ही डॉक्टरी सलाह लें, लाइफ स्टाइल को व्यवस्थित व समयबद्ध करें, तैलिय खाद्य पदार्थों से परहेज करें, भरपूर नींद लें, तनाव न लें व रेगुलर एक्सरसाइज करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें