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हर वर्ष 7.5 लाख हार्ट मरीज की मौत
जमशेदपुर: देश की अर्थ व्यवस्था को गति देने में स्वास्थ्य क्षेत्र की अहम भूमिका है. देश में स्वास्थ्य क्षेत्र के समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं. इनमें बेहतर गुणवत्ता के अस्पतालों की कमी, डॉक्टर-मरीज अनुपात में भारी असमानता, मेडिकल विशेषज्ञों की कमी, सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आदि प्रमुख हैं. उक्त बातें बेंगलुरु से आये नारायाणा हेल्थ […]
जमशेदपुर: देश की अर्थ व्यवस्था को गति देने में स्वास्थ्य क्षेत्र की अहम भूमिका है. देश में स्वास्थ्य क्षेत्र के समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं. इनमें बेहतर गुणवत्ता के अस्पतालों की कमी, डॉक्टर-मरीज अनुपात में भारी असमानता, मेडिकल विशेषज्ञों की कमी, सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आदि प्रमुख हैं. उक्त बातें बेंगलुरु से आये नारायाणा हेल्थ के फाउंडर व चेयरमैन डॉक्टर देवी सेट्टी ने कही.
वे शनिवार को ब्रrानंद नारायणा मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल व झारखंड चैप्टर ऑफ कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से एसएनटीआइ में आयोजित सालाना कांफ्रेंस जैक्सीकॉन-2015 में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि देश में हर साल 20 लाख से ज्यादा हार्ट के मरीजों को सर्जरी की जरूरत होती है. अस्पताल की कमी के कारण 12.5 लाख की ही सजर्री हो पाती है. वहीं 7.5 लाख लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है. लोग 20 रुपये हर माह खर्च कर स्वास्थ्य बीमा से जुड़ सकते हैं. तंबाकू, अल्कोहल, नमक का इस्तेमाल नहीं करने से उच्च रक्तचाप से बचा जा सकता है.
वहीं ब्रrानंद के इंटरनेशनल कॉर्डियोलॉजी डॉ विमलेंदु कुमार ने कहा कि इस कांफ्रेंस का उद्देश्य कॉर्डियोलॉजी के क्षेत्र में दुनियाभर में होने वाले बदलावों को साझा करना है. इसमें डॉक्टरों ने प्रीक्यूटेनियस कोरोनरीइंटरवेंशन, ऑर्गेनिकपॉल्यूशन और कॉर्डियो वैस्क्यूलार बीमारी, हाइपरटेंशन अपडेट, डायबिटीक कार्डियोमायोपैथी, हार्टवॉल्वसजर्री-भूत, वर्तमान और भविष्य, कार्डियोलॉजी में उभरती तकनीक जैसे विभिन्न विषयों पर बाहर से आये डॉक्टरों ने अपने विचार रखें. कार्यक्रम का उद्घाटन डॉक्टर देवी सेट्टी सहित अन्य अतिथियों ने किया. कार्यक्रम में 500 से ज्यादा कॉर्डियोलॉजिस्ट, सजर्न, मेडिकल प्रोफेसर और छात्र शामिल थे. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है.
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