डॉ मानस कविराजगायनोकोलॉजिस्ट गर्भाशय के कैंसर का पूरी तरह से इलाज संभव है. हालांकि, यह जरूरी है कि प्रारंभिक दौर में ही बीमारी के लक्षणों की पहचान कर मरीज गायनोकोलॉजिस्ट से संपर्क करें. इस बीमारी की कई वजहें हैं. न्यूट्रीशन की कमी व असुरक्षित यौन संबंधों के कारण यह बीमारी ज्यादा होती है. 55-60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. देखा गया है कि मरीज के शरीर से सफेद मैला घात निकलता है, दर्द होता है व खून का रिसाव भी हो होता है. कुछ मामलों में लक्षण नहीं भी दिखायी देता. शुरुआती अवस्था में बीमारी को पकड़ लिया जाये तो सर्जरी व थेरेपी से बीमारी का इलाज किया जा सकता है. सुरक्षित यौन संबंध और 40 की उम्र के बाद रेगुलर चेकअप इस बीमारी से बचाव का सबसे कारगर तरीका है. बीमारी : गर्भाशय का कैंसर. लक्षण : सफेद मैलाघात निकलना, दर्द होना और खून निकलना. उपाय : सुरक्षित यौन संबंध और 40 के बाद रेगुलर चेकअप.
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गर्भाशय कैंसर का पूरी तरह से इलाज संभव
डॉ मानस कविराजगायनोकोलॉजिस्ट गर्भाशय के कैंसर का पूरी तरह से इलाज संभव है. हालांकि, यह जरूरी है कि प्रारंभिक दौर में ही बीमारी के लक्षणों की पहचान कर मरीज गायनोकोलॉजिस्ट से संपर्क करें. इस बीमारी की कई वजहें हैं. न्यूट्रीशन की कमी व असुरक्षित यौन संबंधों के कारण यह बीमारी ज्यादा होती है. 55-60 साल […]
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