नयी दिल्ली. साल 2011 में ‘केबीसी’ का पांचवां सीजन तो आपको याद ही होगा, जब बिहार के बेहद गरीब फैमिली का एक लड़का सुशील कुमार उस वक्त एक हीरो बन गया, जब इस शो में उसने 5 करोड़ की प्राइज मनी जीती थी. यह और बात है कि अब उस सुशील के पास न तो ढंग की जॉब है और न ही उतना पैसा बचा. हालत यह है कि कुछ समय के लिए मोतिहारी में कंप्यूटर ऑपरेटर रह चुके सुशील के पास इन दिनों कोई काम नहीं बचा.हां, केबीसी जीतने के बाद जो उनके चेहरे की चमक-धमक थी उसके बल पर उन दिनों उन्हें रूरल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री के ब्रैंड एंबेसडर के लिए न्यौता जरूर मिला था, लेकिन, वक्त हमेशा एक सा तो रहता नहीं. वैसे केबीसी में जीत के बाद उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली आकर आइएएस ऑफिसर बनने के लिए कोचिंग करना चाहते हैं, लेकिन यह सपना भी उनका अधूरा ही रह गया. हालांकि, सुशील कुमार का कहना है कि और कुछ नहीं तो वह स्कूल टीचर तो बन ही सकते हैं, क्योंकि उनके पास बीएड की डिग्री है. टैक्स वगैरह कटने के बाद उन्हें प्राइज मनी के रूप में करीब 3.6 करोड़ रु पये की धनराशि प्राप्त हुई थी. कुमार की मानें तो अब उनके पास ज्यादा पैसे नहीं बचे, क्योंकि कुछ पैसा उन्होंने पुश्तैनी घर बनाने में लगा दिया और कुछ भाइयों के बिजनेस में. कुछ पैसे बैंक में जमा हैं, जिसके इंटरेस्ट से उनका खर्चा चल रहा है, लेकिन सुशील मानते हैं कि यह इनकम इतना ज्यादा नहीं कि उनकी जरूरतें पूरी हो जायें. हालांकि, खबर है कि इन दिनों बेकार बैठे सुशील कुमार पॉलिटिक्स में भी आने को बड़े उत्सुक हैं.
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केबीसी विनर सुशील कुमार के पास न जॉब और न बचे पैसे
नयी दिल्ली. साल 2011 में ‘केबीसी’ का पांचवां सीजन तो आपको याद ही होगा, जब बिहार के बेहद गरीब फैमिली का एक लड़का सुशील कुमार उस वक्त एक हीरो बन गया, जब इस शो में उसने 5 करोड़ की प्राइज मनी जीती थी. यह और बात है कि अब उस सुशील के पास न तो […]
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