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29 साल पूर्व मरे व्यक्ति के नाम से कंपनी बना 17.5 कराेड़ रुपये का लिया लाभ

संजीव भारद्वाज, जमशेदपुर : तीन अलग-अलग मामले में फर्जी ढंग से कंपनियां बनाकर ई-वे बिल जेनरेट कर सरकार काे 17.5 कराेड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है. राज्य सरकार से निर्देश मिलने पर सेंट्रल एक्साइज विभाग ने जब मामलाें की जांच की, ताे चाैंकानेवाली जानकारियां हासिल हुईं. फर्जीवाड़ा करनेवालाें ने मुर्दाें के नाम से कंपनी […]

संजीव भारद्वाज, जमशेदपुर : तीन अलग-अलग मामले में फर्जी ढंग से कंपनियां बनाकर ई-वे बिल जेनरेट कर सरकार काे 17.5 कराेड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है. राज्य सरकार से निर्देश मिलने पर सेंट्रल एक्साइज विभाग ने जब मामलाें की जांच की, ताे चाैंकानेवाली जानकारियां हासिल हुईं.

फर्जीवाड़ा करनेवालाें ने मुर्दाें के नाम से कंपनी बनाकर निबंधन कराया आैर सरकारी राजस्व काे लूटा. जांच में यह बात जरूर सामने आयी कि तीनाें मामलाें में आइटीसी फ्रॉड करनेवाला व्यक्ति एक ही है.
फ्रॉड करनेवाले व्यक्ति द्वारा जादूगाेड़ा के दुखीराम भूमिज के नाम से निबंधन कराया गया. माैका ए स्थल पर जाकर जांच करने पर मालूम चला कि दुखी राम भूमिज की 29 साल पहले माैत हाे चुकी है. उनके नाम पर कंपनी बनाकर 2.18 कराेड़ रुपये का ई-वे बिल जेनरेट कर आइटीसी का लाभ हासिल कर लिया गया.
पिछले 4-5 माह में ई-वे बिल जेनरेट कर 10-14 मामलाें में 80-90 कराेड़ रुपये का आइटीसी फ्रॉड किया गया है. इन मामलाें में अभी तक काेई पकड़ में नहीं आया है. विभागीय अधिकारियाें से मिली जानकारी के अनुसार फर्जीवाड़ा करनेवालाें ने शशिकांत मिनरल एंड ट्रेडर्स, बजरंगी ट्रेडर्स आैर साईं ट्रेडर्स के नाम से तीन कंपनी का निबंधन कराया.
शशि मिनरल एंड ट्रेडर्स का पता जादूगाेड़ा के गाढ़ासाई काे बनाया. इस कंपनी के माध्यम से 9.95 कराेड़ रुपये के ई-वे बिल फर्जी ढंग से निकाल कर आइटीसी का लाभ हासिल किया गया. जादूगाेड़ा के ही गितिलता में बजरंगी ट्रेडर्स नाम की कंपनी बनाकर 2.18 कराेड़ रुपये का घाेटाला किया गया. इसके अलावा पाेटका में साईं ट्रेडर्स के नाम से 5.46 कराेड़ रुपये का ई-वे बिल जेनरट किया गया.
तीनाें मामलाें में जब लंबे समय तक रिटर्न संबंधी काेई जानकारी विभागीय पाेर्टल पर अपलाेड नहीं की गयी, तो इन पर संदेह व्यक्त किया गया. शशिकांत मिनरल, बजरंगी ट्रेडर्स आैर साईं ट्रेडर्स के नाम से जमीन पर काेई कंपनी-कार्यालय अधिकारियाें काे दर्ज कराये गये पते पर नहीं मिला.
इस मामले में जांच के क्रम में मालूम चला कि शशिकांत कुजूर के नाम पर रेंट एग्रीमेंट किया गया. फर्जी साइन किये गये. एक कंपनी के बिजली बिल में छेड़छाड़ कर जीएसटी निबंधन की कागजी प्रक्रिया काे पूरा किया गया. गितिलता के दुखीराम भूमिज के परिवारवालाें का बयान आैर डेथ सर्टिफिकेट भी अधिकारियाें ने सबूत के संबंध में रिपाेर्ट में सबमिट किया है.

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