सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने दिया निर्देश
जमशेदपुर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अालोक में एबीएम कॉलेज के 24 शिक्षक व करीब 50 से अधिक शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है.
शुक्रवार को रांची स्थित उच्च शिक्षा विभाग में हुई बैठक में शामिल होने के बाद विवि के कुलानुशासक सह प्रवक्ता डॉ एके झा ने कहा कि एबीएम कॉलेज से सेवा प्रारंभ करने वाले सभी शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन भुगतान को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश प्राप्त हुआ है. यहां से सेवा प्रारंभ करने वाले कई शिक्षक कोल्हान विवि में अलग-अलग प्रशासनिक पदों से लेकर विभिन्न कॉलेजों में पदस्थापित हैं.
इसमें जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज, चाईबासा तथा जगन्नाथपुर डिग्री कॉलेज के प्राचार्य तक शामिल हैं. इसके अलावा कई शिक्षक विवि में स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष के प्रभारी का दायित्व संभाल रहे हैं. शिक्षकों की सेवा बहाल होने के बदले एरियर के रूप में मिली 50 से 80 लाख रुपये तक की राशि भी लौटानी पड़ सकती है. फिलहाल इन शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की सेवा से जुड़े दस्तावेज 29 जुलाई तक विवि को उच्च शिक्षा विभाग को भेजने के लिए कहा गया है.
इसमें शिक्षकों की सेवा प्रारंभ करने की अवधि से लेकर अद्यतन हाजिरी तक शामिल है. बताया जा रहा है कि एबीएम कॉलेज में सिन्हा कमीशन की अनुशंसा पर 17 शिक्षकेतर कर्मचारी व चार शिक्षकों का वेतन निर्धारण किया गया. बाकी शिक्षकों का वेतन निर्धारण अग्रवाल कमीशन की अनुशंसा पर हुआ. कुछ है मामला : झारखंड-बिहार के नवांगीभूत कॉलेजों में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन भुगतान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि आखिर किन परिस्थितियों में इन्हें वर्ष 1986 से वेतन भुगतान किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह तत्काल इन वेतन भुगतान पर रोक लगाएं. इस मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी. राज्य के करीब आठ नवांगीभूत कॉलेजों में कई शिक्षकों की नियुक्ति सृजित पद के विरुद्ध हुई थी. बाद में इनका सेवा समायोजन किया गया. इसके बाद इनका वेतन निर्धारण कर दिया गया था. प्रति शिक्षक एरियर मद में 20 से 80 लाख रुपये तक का भुगतान किया जा चुका है.